Chenab Rail Bridge Exclusive Photos PM Modi to inaugurate Kashmir rail link on June 6 एफिल टावर से भी ऊंचा, इंजीनियरिंग का चमत्कार; चिनाब ब्रिज की ये तस्वीरें देखीं
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एफिल टावर से भी ऊंचा, इंजीनियरिंग का चमत्कार; चिनाब ब्रिज की ये तस्वीरें देखीं

चिनाब ब्रिज को ब्लास्ट-प्रूफ और भूकंपरोधी बनाया गया है। इसकी शेल्फ लाइफ 120 साल है। पुल पर विशेष पेंट का उपयोग किया गया है, जो इसे जंग से बचाता है।

Amit KumarWed, 4 June 2025 02:29 PM
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दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का उद्घाटन 6 जून को पीएम मोदी करेंगे

जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बना चिनाब रेल पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। 6 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस इंजीनियरिंग के चमत्कार को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह पुल 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगा। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर जाएंगे।

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एफिल टावर से भी ऊंचा

चिनाब रेल पुल की ऊंचाई 359 मीटर है, जो पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर अधिक है। यह कुतुब मीनार से पांच गुना ऊंचा है। 1.31 किलोमीटर लंबा यह पुल 28,660 मेगाटन स्टील से निर्मित है और इसे -10 डिग्री से 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को झेलने के लिए डिजाइन किया गया है।

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इंजीनियरिंग का चमत्कार

चिनाब ब्रिज का निर्माण हिमालय के जटिल भू-भाग और प्रतिकूल मौसम में किया गया। इसे बनाने में 22 साल लगे और इसमें दो विशाल केबल क्रेन का उपयोग किया गया। यह पुल 266 किमी/घंटे की रफ्तार वाली हवाओं और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता वाले भूकंप का सामना कर सकता है।

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कश्मीर को देश से जोड़ने का सपना पूरा होगा

यह पुल कटरा से बनिहाल तक रेल संपर्क को सुगम बनाएगा, जिससे कश्मीर घाटी का रेल नेटवर्क देश के अन्य हिस्सों से जुड़ जाएगा। इसके उद्घाटन के बाद कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन सेवा शुरू होगी, जो यात्रा के समय को 6-7 घंटे से घटाकर 3 घंटे कर देगी।

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सुरक्षा का पूरा है इंतजाम

चिनाब ब्रिज को ब्लास्ट-प्रूफ और भूकंपरोधी बनाया गया है। इसकी शेल्फ लाइफ 120 साल है। पुल पर विशेष पेंट का उपयोग किया गया है, जो इसे जंग से बचाता है। साथ ही, सुरक्षा के लिए 24 घंटे जवानों की तैनाती और हेलीपैड की व्यवस्था की गई है।

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लागत और निर्माण: कितना आया खर्चा?

इस पुल का निर्माण 1,486 करोड़ रुपये की लागत से हुआ। इसे कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड और एफकॉन्स इंडिया ने मिलकर बनाया। हालांकि कश्मीर को रेल मार्ग से जोड़ने की परियोजना पर काम 1997 में शुरू हुआ था तथा भूवैज्ञानिक, स्थलाकृतिक तथा मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण इस परियोजना के पूरे होने की समय सीमा कई बार बढ़ाई गई। इसके कारण परियोजना की लागत बढ़ गई और इसे पूरा करने में 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई।

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वंदे भारत ट्रेन का परिचालन

उद्घाटन के बाद, दो वंदे भारत ट्रेनें कटरा से श्रीनगर और श्रीनगर से कटरा के बीच दिन में एक-एक चक्कर लगाएंगी। ये ट्रेनें ठंड के मौसम के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई हैं। इसके अलावा, संगलदान से बारामूला तक की मौजूदा रेल सेवा भी जारी रहेगी।

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पर्यटन को मिलेगा जबरदस्त बढ़ावा

चिनाब ब्रिज को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। इसकी खूबसूरती और अनूठी इंजीनियरिंग इसे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाएगी। यह कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पुल जम्मू-कश्मीर के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में एक बड़ा कदम है। यह क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, जिससे स्थानीय उद्योगों, विशेष रूप से पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

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राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे “नए भारत की ताकत और दूरदर्शिता का प्रतीक” बताया है। चिनाब ब्रिज न केवल भारतीय इंजीनियरिंग की उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में भी योगदान देगा। यह भारत के आत्मनिर्भरता के संकल्प का जीवंत उदाहरण है। जितेंद्र सिंह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इतिहास बनने में बस तीन दिन बाकी हैं! दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, चिनाब पुल, जम्मू-कश्मीर में बनकर तैयार है... प्रधानमंत्री छह जून को चिनाब पुल का उद्घाटन करेंगे। नये भारत की शक्ति और दूरदर्शिता का गौरवपूर्ण प्रतीक।’’

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कुछ ऐसा होगा पीएम मोदी का प्लान

अधिकारियों ने बताया कि चिनाब पुल का उद्घाटन करने के बाद मोदी संभवतः ट्रेन से कटरा जाएंगे और रास्ते में अंजी खड्ड पर बने भारत के पहले केबल पुल का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस परियोजना से जुड़े सेवानिवृत्त कर्मचारियों सहित रेलवे के इंजीनियरों से बातचीत भी करेंगे। प्रधानमंत्री शुक्रवार को कटरा से उत्तरी कश्मीर के बारामूला तक वंदे भारत ट्रेन और बारामूला से कटरा तक एक अन्य ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। कटरा को माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए आधार शिविर के रूप में जाना जाता है। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कश्मीर आने-जाने वाले सभी यात्रियों को कटरा में उतरना होगा और ट्रेन बदलनी होगी। उद्घाटन के बाद मोदी एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे।