Only properties registered as waqf Government asks states to adhere to timelines launch Waqf portal 6 महीनों के भीतर वक्फ संपत्तियों की जानकारी अपलोड करें राज्य, केंद्र का निर्देश; एक शर्त भी रखी, India News in Hindi - Hindustan
Hindi NewsIndia NewsOnly properties registered as waqf Government asks states to adhere to timelines launch Waqf portal

6 महीनों के भीतर वक्फ संपत्तियों की जानकारी अपलोड करें राज्य, केंद्र का निर्देश; एक शर्त भी रखी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस कदम को गैर-कानूनी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना बताया है। AIMPLB का कहना है कि यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को कमजोर कर सकता है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 7 June 2025 07:04 AM
share Share
Follow Us on
6 महीनों के भीतर वक्फ संपत्तियों की जानकारी अपलोड करें राज्य, केंद्र का निर्देश; एक शर्त भी रखी

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और बेहतर मैनेजमेंट के उद्देश्य से सेंट्रल वक्फ पोर्टल 'उम्मीद' लॉन्च कर दिया। इस पोर्टल पर केवल वही वक्फ संपत्तियां अपनी जानकारी अपलोड कर सकेंगी जो संबंधित राज्य वक्फ बोर्डों के पास पहले से पंजीकृत हैं। इसमें ‘वक्फ बाई यूजर’ संपत्तियां भी शामिल हैं, बशर्ते वे 8 अप्रैल 2025 से प्रभाव में आए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 से पहले अस्तित्व में रही हों। ‘उम्मीद’ पोर्टल एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 का संक्षिप्त रूप है।

17 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या (यूनीक ID) मिलेगी पंजीकृत संपत्तियों को

नए पोर्टल के जरिए प्रत्येक वैध वक्फ संपत्ति को 17 अंकों की यूनिक ID दी जाएगी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी कि देश में 9 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं और राज्य सरकारों को तय समयसीमा में इनका विवरण पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा। सभी राज्य वक्फ बोर्डों को 6 महीनों के भीतर यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

अवैध और बिना दस्तावेज वाली संपत्तियां नहीं होंगी शामिल

रिजिजू ने स्पष्ट किया कि केवल वैध और विधिसम्मत रूप से पंजीकृत वक्फ संपत्तियां ही पोर्टल में शामिल होंगी। जो संपत्तियां अवैध रूप से कब्जे में हैं या जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें पोर्टल पर स्थान नहीं मिलेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जिन संपत्तियों के पास पर्याप्त दस्तावेज नहीं हैं लेकिन सामाजिक या सरकारी रूप से मान्यता प्राप्त हैं, उन्हें तब तक अवैध नहीं माना जाएगा, जब तक वे जबरन कब्जा या धोखाधड़ी के जरिए प्राप्त न की गई हों।

अमान्य विवरणों पर वक्फ ट्रिब्यूनल से कर सकेंगे अपील

सरकारी अधिकारियों ने बताया कि जो वक्फ संपत्तियां अब तक पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें पहले वक्फ बोर्ड से पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी। जिन संपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड होने के बाद भी वैध नहीं मानी जाती, वे वक्फ ट्रिब्यूनल में अपील कर सकती हैं।

'उम्मीद' पोर्टल पर विवरण भरने से पहले देना होगा म्यूटावली द्वारा घोषणा-पत्र

संपत्तियों की जानकारी मुत्तवली (प्रबंधक) द्वारा भरने से पहले एक घोषणापत्र देना होगा, जिसमें यह बताना होगा कि क्या उन्होंने लगातार दो वर्षों तक खाता-बही नहीं रखी, क्या वे दो साल तक वार्षिक खाता विवरण जमा नहीं कर पाए, क्या वे किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए हैं, या क्या वे किसी (UAPA के अंतर्गत सूचीबद्ध) गैरकानूनी संगठन से जुड़े हैं।

पोर्टल की विशेषताएं:

  • सभी वक्फ संपत्तियों का डिजिटल इन्वेंट्री और जियो-टैगिंग
  • GIS मैपिंग के साथ एकीकृत
  • पारदर्शी लीजिंग व्यवस्था और उपयोग की निगरानी
  • ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली
  • सत्यापित रिकार्ड और रिपोर्ट्स की सार्वजनिक पहुंच

ये भी पढ़ें:वक्फ संपत्तियों की होगी जियो टैगिंग, बनेंगी डिजिटल लिस्ट; ‘उम्मीद’ पोर्टल लॉन्च
ये भी पढ़ें:वो गुरुद्वारा है, उसे वही रहने दो... सुप्रीम कोर्ट से वक्फ बोर्ड को लगा झटका

कानूनी चुनौती पर मंत्री का जवाब

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ पोर्टल की वैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है, जिस पर मंत्री रिजिजू ने कहा, “इस कानून पर न्यायपालिका द्वारा कोई स्टे नहीं दिया गया है। पोर्टल पूरी तरह संवैधानिक और विधिसम्मत है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आस्थावानों को किसी धार्मिक अनुष्ठान करने से कानून नहीं रोकता, लेकिन सभी वक्फ संपत्तियों को अब भविष्य में दस्तावेज संबंधी सभी खामियां दूर करनी होंगी, ताकि उन्हें आधिकारिक रूप से पोर्टल में शामिल किया जा सके।