नए वक्फ कानून को संवैधानिक अधिकार छीन लेने का एक योजनाबद्ध षड्यंत्र बताते हुए अमीर-ए-शरियत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने कहा कि इस कानून के खिलाफ इमारत-ए-शरिया संगठित आंदोलन चलाएगी। उन्होने आरोप लगाया कि बेहद चालाकी के साथ चैरिटेबल ट्रस्ट को वक्फ की परिभाषा से बाहर कर दिया गया है।
शुक्रवार को वक्फ अधिनियम के विरोध में आयोजित प्रदर्शन उस समय उग्र हो गए जब धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।
पीएम नरेंद्र मोदी खुद कई बार पसमांदा मुस्लिमों की उपेक्षा का मुद्दा उठा चुके हैं। भाजपा की कोशिश है कि पसमांदा मुस्लिमों के बीच पैठ बनाई जाए। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि यदि उनका एक हिस्सा भी साथ आया तो विपक्ष का नैरेटिव बुरी तरह बिगड़ेगा। इसके अलावा चुनावी समीकरणों में जो फायदा मिलेगा, वह अलग है।
वक्फ कानून के खिलाफ सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने जा रही है। चंद्रशेखर ने इसका ऐलान करते हुए आंदोलन के लिए समिति भी बना दी है।
पार्टी एक व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू करेगी, जिसमें नेता घर-घर जाकर लोगों को वक्फ कानून की खूबियों के बारे में बताएंगे और विपक्ष के दावों को खारिज करेंगे।
नए वक्फ कानून को समर्थन की वजह से मौलाना और उलेमा के निशाने पर चल रही जेडीयू के नेता और नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि उन्हें मौलाना की जरूरत नहीं है। इससे पहले ललन सिंह ने कहा था कि मुसलमान जदयू को वोट नहीं करते।
उन्होंने कहा कि नए वक्फ कानून के खिलाफ एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसे शुक्रवार को मस्जिदों और धार्मिक कार्यक्रमों में पढ़ा जाएगा।
वक्फ के नए कानून के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कमर कस ली है। इसके खिलाफ कल से सात जुलाई तक आंदोलन की तैयारी कर ली गई है। कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज समेत 50 शहरों में तहफ्फुज अवकाश सप्ताह मनाया जाएगा और 30 अप्रैल को ब्लैक आउट होगा।
वक्फ (संशोधन) विधेयक तीन अप्रैल को लोकसभा द्वारा और उसके अगले दिन तड़के लंबी बहस के बाद राज्यसभा द्वारा पारित कर दिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी।
सीएम ममता बनर्जी विश्व नवकार महामंत्र दिवस के कार्यक्रम में पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने एकता की अपील की और कहा कि वह धर्म के आधार पर बंगाल का बंटवारा नहीं होने देंगी।