पसमांदा मुस्लिम, महिलाएं और बच्चे... वक्फ पोर्टल पर पंजीकरण से किस को लाभ; जगदंबिका पाल ने बताया
कई मुस्लिम संगठन वक्फ संशोधन एक्ट का विरोध कर रहे हैं और इसे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए खतरा बता रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी इस एक्ट के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इस पर फैसला सुरक्षित रखा गया है।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने मंगलवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के तहत केंद्रीकृत मंच पर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से अल्पसंख्यक समुदाय के पसमांदा मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों को लाभ मिलेगा। पाल की टिप्पणी मीडिया में आई उन खबरों के बाद आई है, जिनमें कहा गया है कि अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय जल्द ही नए अधिनियमित कानून के तहत वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए 'उम्मीद' पोर्टल शुरू कर सकता है।
भाजपा सांसद संसद की संयुक्त समिति (JPC) के अध्यक्ष थे, जिसने पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किए गए विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच की थी और 30 जनवरी को अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी थी। पोर्टल के संभावित लॉन्च के बारे में पूछे जाने पर जगदंबिका पाल ने पीटीआई वीडियोज से कहा, "हमने जो कानून पारित किया है उसका नाम उम्मीद 2025 है... अब उम्मीद अधिनियम लॉन्च होने जा रहा है, जिसके तहत सभी वक्फ संपत्तियों के दस्तावेज छह महीने के भीतर (उम्मीद पोर्टल पर) अपलोड करने होंगे।"
इसी हफ्ते लॉन्च हो सकता है पोर्टल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'उम्मीद' पोर्टल इसी हफ्ते लॉन्च हो सकता है। हालांकि, सरकार की ओर से इसके शेड्यूल की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पाल ने कहा कि केंद्रीकृत पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से उनका दुरुपयोग रुकेगा और आर्थिक रूप से कमजोर पसमांदा मुसलमानों, महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यक समुदाय के अन्य लोगों को फायदा होगा।
भाजपा सांसद ने कहा कि पंजीकरण के साथ, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के पास देश में वक्फ संपत्तियों की कुल संख्या के बारे में "पूरी जानकारी" होगी। उन्होंने कहा, "इससे वक्फ का दुरुपयोग रुकेगा।" उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों के बारे में जानकारी के अभाव में पहले अवैध रूप से उन्हें बेचा जाता था।
वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से "आय" भी बढ़ेगी
भाजपा नेता ने कहा कि पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से उनकी "आय" भी बढ़ेगी क्योंकि नए अधिनियमित कानून में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा नियुक्त लेखा परीक्षकों द्वारा उनका ऑडिट किए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा, "इसका लाभ गरीब पसमांदा मुसलमानों को मिलेगा।" वक्फ (संशोधन) अधिनियम 8 अप्रैल को केंद्र द्वारा अधिसूचित किए जाने के साथ ही लागू हो गया। लोकसभा और राज्यसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को क्रमशः 3 अप्रैल और 4 अप्रैल की मध्यरात्रि के बाद पारित किया था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को इसे अपनी मंजूरी दे दी थी। फिलहाल, सर्वोच्च न्यायालय कानून से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।