वक्फ कानून विरोधी पर नीतीश मेहरबान, बलियावी बने बिहार अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष
वक्फ कानून बनने के बाद अल्पसंख्यकों की नाराजगी दूर करने के लिए नीतीश कुमार डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। वक्फ कानून के कट्टर विरोधी गुलाम रसूल बलियावी को सरकार ने बिहार अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बना दिया है।

नीतीश कुमार सरकार ने जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के महासचिव और पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी को बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया है। राज्य में मुसलमानों के बड़े नेता माने जाने वाले बलियावी वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ जेडीयू में रहकर भी बोल रहे थे। जब संसद से वक्फ बिल पास हो गया, तब बलियावी ने कहा था कि संसद में सब नंगे हो गए। अब सेकुलर और कम्युनल में कोई अंतर नहीं रह गया। बलियावी को पद मिलना विधानसभा चुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा जा रहा है।
बिहार में लंबे समय से मुसलमान वोटों का बंटवारा नीतीश की जेडीयू और लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच होता रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने भी बिहार के कुछ मुस्लिम बहुत इलाकों में जगह बना ली। वक्फ बिल का जेडीयू नेसमर्थन किया था जबकि पार्टी में बलियावी समेत कई मुस्लिम नेताओं ने इसका विरोध किया था।मुस्लिम संगठनों ने सीएम नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का भी बहिष्कार कर दिया था।
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राज्य सरकार ने बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग को पुनर्गठित किया है। बलियावी को अध्यक्ष के अलावा पटना सिटी के लखविंदर सिंह और गया के मौलाना उमर नूरानी को आयोग का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। 11 सदस्यीय आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और आठ सदस्य बनाए गए हैं। गुरुवार को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव सोहेल ने आयोग के पुनर्गठन को लेकर अधिसूचना जारी की। अधिसूचना उसी दिन जारी की गई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के बिहार दौरे पर पटना पहुंचे हैं।
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विभागीय अधिसूचना के मुताबिक आयोग में बेगूसराय के मुकेश जैन, नवादा की अफरोजा खातून, सिवान के अशरफ अली अंसारी, जहानाबाद के शमशाद आलम, सारण के तुफैल अहमद खान, किशनगंज के शिशिर दास, मुंगेर के राजेश जैन एवं अजफर शमसी को सदस्य बनाया गया है। इन सबका कार्यकाल प्रभार ग्रहण की तिथि से अगले तीन साल के लिए होगा।