मुसलमान देश में किराएदार नहीं, बराबर के हिस्सेदार: बलियावी
देश के मुसलमान किराएदार नहीं है बल्कि बराबर के हिस्सेदार हैं। इसीलिए कोई भी व्यक्ति इसे दो नंबर के नागरिक समझने की गलती न करें। आज के बाजार में कीमत उसी की बड़ी होती है, जिसकी किल्लत होती है।...

देश के मुसलमान किराएदार नहीं है बल्कि बराबर के हिस्सेदार हैं। इसीलिए कोई भी व्यक्ति इसे दो नंबर के नागरिक समझने की गलती न करें। आज के बाजार में कीमत उसी की बड़ी होती है, जिसकी किल्लत होती है। कोरोना काल में सभी ने देखा कि कैसे जरूरत की सामग्री की बाजार में कमी कर दी गई ताकि कीमत बढ़ जाए। इसलिए आपलोगों से अपील है कि राजनीति में इतनी किल्लत पैदा कर दीजिए की आपकी पूछ बढ़ जाए। अपना वोट सिर्फ किसी को हराने के लिए न हो। यह बातें एदार-ए-शरिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह एमएलसी मौलाना गुलाम रसूल बलयावी ने कही। वह शनिवार को न्यू टाउन हॉल में आयोजित एदार-ए-शरिया के मिल्ली कन्वेंशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार अगर दायां हाथ है तो झारखंड बायां हाथ। एक हाथ से आधी जमात की हिफाजत नहीं की जा सकती ।
झारखंड राज्य के मुस्लिम समुदाय के पिछड़ेपन पर चर्चा करते हुए कहा कि जब तक जुनून की हद तक अपनी सफलता के प्रति यह समुदाय जागरूक नहीं होगा, तब तक इनकी दयनीय स्थिति में सुधार नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि बिहार में मदरसों से पढ़े छात्र-छात्राओं को सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी निशुल्क करा कर उसे विकास की मुख्यधारा में लाया गया, मगर झारखंड में इस समुदाय की सुधि लेने वाला कोई नहीं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से आह्वान किया कि वे शिक्षा एवं व्यवसाय के मैदान में कामयाब बनें।
विशिष्ट अतिथि एदार-ए-शरिया झारखंड के मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि हर सफलता के प्रथम और अंतिम पायदान शिक्षा है। राज्यभर के कोने-कोने में एदार-ए-शरिया ने जो जागरुकता पैदा की है, वह समुदाय और राज्य की नई दशा और दिशा तय करेगी।