घोर कुपोषित कोरबा महिला का कराया गया चुनौतीपूर्ण प्रसव
मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक घोर कुपोषित कोरबा महिला का सफल प्रसव कराया गया। 18 वर्षीय महिला को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया, जहां उसके शरीर में मात्र 3 ग्राम खून था। गाइनोकोलॉजिस्ट विभाग...

मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। पलामू के मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमआरएमसीएच) में बुधवार को घोर कुपोषित कोरबा महिला का चुनौतीपूर्ण प्रसव कराया गया। गाइनोकोलॉजिस्ट विभाग और अस्पताल प्रबंधन के सहयोग से प्रसव संभव कराया गया। रामगढ़ अंचल की 18 वर्षीय महिला आदिम जनजाति समुदाय की है। प्रसव वेदना होने पर महिला को गांव से सटे गढ़वा जिले के एक पीएचसी में ले जाया गया जहां उसकी गंभीर स्थिति देखते हुए एमआरएमसीएच रेफर कर दिया गया। महिला को यहां आने के बाद उसके शरीर में मात्र 3 ग्राम खून मौजूद था। विभागीय डॉक्टरों को प्रसव कराने में असहजता महसूस हुई। एमआरएमसीएच प्रबंधन ने तत्काल 2 यूनिट ए खून मुहैया कराया और विभाग के संबंधित डॉक्टरों को प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया।
गाइनोकोलॉजिस्ट विभाग के डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति के बावजूद कड़ी परिश्रम से सफल प्रसव कराया। गाइनोकोलॉजिस्ट विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि अमूमन कोरबा जनजाति की जितनी महिलाएं प्रसव के लिए आती है सभी घोर कुपोषित होती है। सभी के शरीर में आवश्यक 10 यूनिट के स्थान पर 3 से 5 ग्राम तक खून मौजूद रहता है। पलामू के सिविल सर्जन अनिल कुमार सिंह ने कहा कि कोरबा प्रजाति तेजी से विलुप्त होने वाली प्रजाति है। ऐसे में इस समुदाय की जिले के विभिन्न प्रखंडों में निवास करने वाली महिलाओं को चिह्नित कर लगातार फॉलोअप किया जाएगा। शुरुआती दौर से ही गर्भवती महिलाओं की स्थिति बेहतर रहेगी और प्रसव में कोई कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने महिला के कुपोषित के मसले पर बताया कि बहुत सारी महिलाएं अस्पताल से मिलने वाली दवाओं का नियमित सेवन नहीं करती है। नियमित अंतराल पर डॉक्टरों से सलाह न लेने के कारण ही ऐसी गंभीर स्थिति उत्पन्न होती है।
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