19 ब्रह्मोस और क्रिस्टल मेज मिसाइलें; भारत ने पाक को कैसे घुटनों पर लाया, ऑपरेशन सिंदूर पर नए खुलासे
सेना के आकलन के मुताबिक इस ऑपरेशन में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। इस दौरान इजरायली और पोलिश ड्रोन, लोइटरिंग गोला-बारूद और नेवी की स्ट्राइक क्षमताएं भी इस मिशन में सक्रिय रहीं।

आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का आज एक महीना पूरा हो गया है। इस अवसर पर शनिवार शाम को राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकार और सैन्य प्रमुख जश्न मना रहे थे। हिन्दुस्तान टाइम्स को जानकारी मिली है कि रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं को हथियारों और मिसाइलों की नई खेप खरीदने की अनुमति दे दी है। इसमें लम्बी दूरी की लोइटरिंग गोला-बारूद, आर्टिलरी शेल, कामिकाजे ड्रोन और बियॉन्ड-विजुअल-रेंज (BVR) एयर-टू-एयर मिसाइलें शामिल हैं।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सेना की कार्रवाई और सैटेलाइट तस्वीरों से यह पुष्टि हुई है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना और एयर डिफेंस सिस्टम ने चीन द्वारा निर्मित चार पाकिस्तानी लड़ाकू विमान और दो बड़े सैन्य विमान (C-130J और SAAB 2000) को मार गिराया। सूत्रों ने यह भी बताया कि भारतीय वायुसेना ने 11 पाकिस्तानी एयरबेस जिनमें सरगोधा, रफीकी, जैकबाबाद और नूर खान शामिल हैं, पर सटीक मिसाइल हमले किए। इन हमलों में दो F-16 लड़ाकू विमानों को आंशिक क्षति हुई है।
भारती की ताकत है ब्रह्मोस और एस-400
भारतीय वायुसेना ने इन हमलों में 19 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें और करीब इतनी ही संख्या में फ्रांस निर्मित SCALP सबसोनिक मिसाइलें दागीं। S-400 मिसाइल सिस्टम ने अकेले दुश्मन के तीन विमानों को मार गिराया। पाकिस्तानी वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई में चीनी JF-17 विमानों से CM-400 AKG मिसाइलें दागीं, लेकिन भारतीय एयरबेसों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई को लश्कर-ए-तैयबा के मुरिदके स्थित मुख्यालय पर की गई, जहां क्रिस्टल मेज मिसाइलों से हमला किया गया। इसके बाद जैश-ए-मोहम्मद के मरकज-ए-सुब्हान अल्लाह पर SCALP मिसाइल से हमला कर उसे पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। भारतीय थलसेना की M777 होवित्जर तोपों और Excalibur GPS-गाइडेड गोला-बारूद ने एलओसी पार दुश्मन की दूसरी पंक्ति की रक्षा चौकियों को नेस्तनाबूद कर दिया।
13 एयरबेस और 9 आतंकी कैंप तबाह
सात से दस मई के बीच भारत ने पाकिस्तान और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) में 13 एयरबेस व सैन्य ठिकानों और 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया। सेना के आकलन के मुताबिक इस ऑपरेशन में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। इस दौरान इजरायली और पोलिश ड्रोन, लोइटरिंग गोला-बारूद और नेवी की स्ट्राइक क्षमताएं भी इस मिशन में सक्रिय रहीं।
पाकिस्तान की जवाबी योजना सिर्फ 8 घंटे में विफल
पाकिस्तान ने इस हमले के जवाब में "ऑपरेशन बुनीयन-उल-मर्सूस" की शुरुआत की, लेकिन वह महज 8 घंटे में धराशायी हो गया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को जानकारी दी कि पाकिस्तान की मंशा थी भारत को 48 घंटे में झुका देने की, लेकिन भारत ने उन्हें 8 घंटे में जवाब दे दिया।
नई रिपोर्टों में सामने आया है कि भारतीय ड्रोनों ने पेशावर से हैदराबाद (सिंध) तक पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तान की एयर डिफेंस तैयारियां, जिनमें HQ-9 मिसाइल सिस्टम शामिल था, भारतीय हमलों को रोकने में असफल रहीं। पाकिस्तानी YIHA ड्रोन, FATAH-1 रॉकेट, और अन्य हथियार या तो निशाना चूक गए या भारतीय रक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट कर दिए गए। नई खुफिया जानकारी से पता चला है कि पाकिस्तान के पास पहले से अनुमानित दो नहीं, बल्कि चार HQ-9 सिस्टम हैं, जिनमें से कुछ कराची के पास मलीर छावनी में भी तैनात हैं।
ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं
रक्षा मंत्रालय द्वारा नए हथियारों की खरीद को मिली मंजूरी और तैयार की जा रही लॉजिस्टिक सप्लाई चेन इस ओर इशारा करती है कि भारत अगली संभावित चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बार-बार स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि यह एक लंबे अभियान की शुरुआत है।