चिनाब ब्रिज में लगा छत्तीसगढ़ का लोहा, ऐसे मिली दुनिया के सबसे ऊंचे पुल को मजबूती!
जम्मू-कश्मीर के चिनाब ब्रिज का पीएम मोदी ने आज उद्घाटन किया। यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। इस पुल में छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र से लोहे की सप्लाई हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को देश को समर्पित किया। चिनाब नदी पर एफिल टावर से ऊंचे इस पुल के निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी बड़ा योगदान है। एशिया महाद्वीप के सबसे बड़े कारखाने, भिलाई इस्पात संयंत्र सहित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के इस्पात संयंत्रों ने 16,000 टन स्टील की आपूर्ति की है। इसमें भिलाई इस्पात संयंत्र के प्लेट्स, टीएमटी बार और स्ट्रक्चरल्स शामिल हैं।
पुल निर्माण में प्रयुक्त सामग्री
जानकारी के अनुसार, इस पुल के निर्माण में लगभग 29 हजार मीट्रिक टन स्टील, 10 लाख क्यूबिक मीटर अर्थवर्क, 66 हजार क्यूबिक मीटर से अधिक कंक्रीट तथा 84 किलोमीटर रॉक बोल्ट और केबल एंकर का उपयोग किया गया है। जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बना 1.3 किलोमीटर लंबा यह पुल नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर है और पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। यह पुल 266 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की रफ्तार और उच्चतम तीव्रता के भूकंपीय तरंगों का सामना करने में सक्षम है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना (यूएसबीआरएल) के अंतर्गत यह पुल कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे घुमावदार खंड का हिस्सा है, जिससे आवागमन सुलभ होगा।
भिलाई इस्पात संयंत्र का योगदान
सेल के स्टील प्लांट ने जम्मू-कश्मीर में निर्मित दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए 6,690 टन टीएमटी उत्पाद, 1,793 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 7,511 टन स्टील प्लेट्स, हॉट स्ट्रिप मिल प्रोडक्ट्स और चेकर्ड प्लेट्स सहित कुल 16 हजार टन इस्पात की आपूर्ति की है। इसमें भिलाई इस्पात संयंत्र ने 5,922 टन टीएमटी स्टील, 6,454 टन प्लेट्स और 56 टन स्ट्रक्चरल स्टील सहित कुल 12,432 टन इस्पात की आपूर्ति की है। सेल के बर्नपुर स्थित इस्को स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, राउरकेला स्टील प्लांट और बोकारो स्टील लिमिटेड ने भी स्टील की आपूर्ति की है।
नेशनल प्रोजेक्ट में सेल का योगदान
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) राष्ट्रीय महत्व की कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं जैसे बांधों, पुलों, सुरंगों, फ्लाईओवरों और एक्सप्रेसवे सहित ऊर्जा क्षेत्र और रक्षा क्षेत्र में उपयोग होने वाले विशेष ग्रेड के इस्पात की आपूर्ति करता है। सेल-बीएसपी में उत्पादित इस्पात का उपयोग ऊर्जा और बिजली क्षेत्र के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे पुलों, राजमार्गों, सुरंगों, फ्लाईओवरों, भूकंपीय संभावित क्षेत्रों में ऊंची इमारतों, औद्योगिक निर्माण, भारी मशीनरी, तेल और गैस क्षेत्र, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठानों आदि में किया जाता है।
भारतीय रेल के लिए भिलाई का योगदान
इंडियन रेलवे के लिए वांछित ग्रेड की रेल्स (पटरियों) के उत्पादन के अलावा, सेल-बीएसपी चौड़ी, मोटी और हेवी प्लेटों की विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करता है तथा विशेष मांग पर वैल्यू-एडेड स्पेशल स्टील ग्रेड की रोलिंग करता है। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा तैयार किए गए टीएमटी उत्पादों की पूरी श्रृंखला भूकंपरोधी और जंगरोधी गुणों के साथ उच्च गुणवत्ता वाली है। इसके अतिरिक्त, संयंत्र चैनल्स, एंगल्स और बीम्स सहित स्ट्रक्चरल ग्रेड स्टील का भी उत्पादन करता है।
अन्य प्रमुख परियोजनाओं में भिलाई का स्टील
भिलाई द्वारा उत्पादित स्टील का उपयोग बांद्रा-वर्ली सी-लिंक, मुंबई में अटल सेतु, अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग, हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग और राष्ट्रीय महत्व की कई अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के निर्माण में किया गया है। सेल-भिलाई द्वारा उत्पादित स्टील का उपयोग युद्धपोतों और आईएनएस विक्रांत के निर्माण में भी किया गया है। बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए सेल-बीएसपी द्वारा बड़ी मात्रा में टीएमटी बार्स की आपूर्ति की गई है। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने देश की राजधानी में निर्मित सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए भी टीएमटी उत्पादों की आपूर्ति की है।
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