अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट में नामांकन तो कोर्ट जाएंगे वित्तरहित संस्थान
सत्र 2025-27 में अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट नामांकन का विरोध, नई शिक्षा नीति को देखते हुए वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा का निर्णय

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। झारखंड के अंगीभूत कॉलेजों में अगर सत्र 2025-27 में इंटरमीडिएट के लिए छात्रों को राज्य सरकार की ओर से या फिर कुलपतियों की ओर से नामांकन की अनुमति दी गई तो वितरहित मोर्चा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। नई शिक्षा नीति को देखते हुए वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने यह निर्णय लिया है। मोर्चा के रघुनाथ सिंह, मनीष कुमार, अरविंद सिंह और मुरारी प्रसाद सिंह ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-26 के लिए रांची विश्वविद्यालय की ओर से कुछ कॉलेज ने इंटरमीडिएट में नामांकन लिया था। कुलाधिपति सह राज्यपाल के यहां उच्च स्तरीय बैठक के निर्णय के तहत झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने पंजीयन करने से इनकर कर दिया, तब कुछ छात्र और रांची विश्वविद्यालय प्रशासन उच्च न्यायालय में गये थे।
इसमें छात्रों के पंजीयन के लिए कोई राहत नहीं दी गई। इसके बाद संबंधित लोग उच्चतम न्यायालय में गए। उच्चतम न्यायालय में भी कोई राहत नहीं दी गई और केस को झारखंड हाईकोर्ट को रेफर कर दिया। झारखंड उच्च न्यायालय ने पुण: कोई राहत नहीं दी थी। उच्च न्यायालय ने छात्रों के भविष्य को देखते हुए विभिन्न प्लस टू स्कूलों के माध्यम से पंजीयन और 11वीं के परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति दी थी और कहा था कि ये छात्र प्लस टू स्कूल के छात्र कहे जाएंगे और भविष्य में यह सुविधा नहीं मिलेगी। उसके बाद जैक ने 11वीं के पंजीयन के लिए चार दिन का समय दिया। तब जाकर छात्र 11वीं में पंजीयन और परीक्षा फॉर्म भर सके थे। केंद्र ने नई शिक्षा नीति 2020 पूरे देश में संसद द्वारा कानून बनाने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद पूरे देश में लागू कर दिया है। झारखंड के विश्वविद्यालय में एनईपी के तहत पाठ्यक्रम तय कर दिए गए हैं। उसके अनुसार पढ़ाई हो रही है और परीक्षाएं हो रही हैं। 42 अंगीभूत कॉलेजों में हुआ था नामांकन मोर्चा ने स्पष्ट किया कि राज्य के 64 संबद्ध अंगीभूत कॉलेज हैं। इनमें 22 अंगीभूत कॉलेज पहले से ही इंटरमीडिएट में नामांकन नहीं ले रहे हैं, मात्र 42 अंगीभूत कॉलेज ने सत्र 2024-26 में नामांकन लिया था। 42 अंगीभूत कॉलेज में लगभग 27500 छात्र नामांकित हैं। रांची विश्वविद्यालयों के कुछ कॉलेजों में सत्र 2024-26 में इस तरह नामांकन हुआ था। इसमें डोरंडा कॉलेज-21 छात्र, जेएन कॉलेज धुर्वा-20 छात्र, करमचंद कॉलेज, बेड़ो-25 छात्र, मांडर कॉलेज-आठ छात्र, मारवाड़ी कॉलेज-30 छात्र, मारवाड़ी कॉलेज ऑफ विमेंस-15 छात्र, पीपी कॉलेज बुंडू 11 छात्र, राम लखन सिंह यादव कॉलेज रांची-28 छात्र, रांची वीमेंस कॉलेज-12 छात्र, बिरसा कॉलेज गर्ल्स सेक्शन-दो छात्रा, एसएस मेमोरियल कॉलेज-18 छात्र, बिरसा कॉलेज खूंटी-दो छात्र, आरपीएस कॉलेज झरिया-26 छात्र, सिंदरी कॉलेज सिंदरी धनबाद-23 छात्र और चास कॉलेज बोकारो-44 छात्र का नामांकन हुआ। गिरिडीह, गोड्डा, पूर्वी सिंहभूम छोड़ राज्य के अन्य जिलों की यही स्थिति है। इन संस्थानों में हो सकता है नामांकन राज्य में 187 स्थाई प्रस्वीकृत इंटर कॉलेज में नामांकन हो सकता है। इसमें प्रत्येक संकाय में 512 सीट पहले से निश्चित है। राज्य में 86 स्थापना अनुमति प्राप्त इंटर कॉलेज हैं, जिनमें प्रत्येक संकाय में 128 छात्रों की नामांकन की अनुमति है। इसके अलावा सरकारी स्कूल और प्लस टू स्कूलों की संख्या 950 है। इसमें प्लस टू स्कूल, कस्तूरबा स्कूल, मॉडल स्कूल, राजकीयकृत स्कूल और अपग्रेड स्कूल हैं। मोर्चा के अनुसार इन सब को मिलाने पर पूरे राज्य में 10 लाख से ज्यादा इंटरमीडिएट में नामांकन के लिए सीट हैं।
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