Religious Conversion Issues in Jharkhand Shankaracharya s Call for Awareness जागरुकता से धर्मांतरण पर रोक संभव: शंकराचार्य सदानंद स्वामी, Ranchi Hindi News - Hindustan
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जागरुकता से धर्मांतरण पर रोक संभव: शंकराचार्य सदानंद स्वामी

रांची में शंकराचार्य स्वामी सदानंद स्वामी ने कहा कि शिशु का जन्म जिस धर्म में होता है, वही उसका आजीवन धर्म है। उन्होंने जबरन धर्मांतरण को गलत बताया और कहा कि जागरुकता से इसे रोका जा सकता है। उन्होंने...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीWed, 19 March 2025 10:27 PM
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जागरुकता से धर्मांतरण पर रोक संभव: शंकराचार्य सदानंद स्वामी

रांची, वरीय संवाददाता। शिशु का जन्म जिस धर्म में होता है, वही जातक का आजीवन धर्म होता है। उसके कुलदेवता, माता-पिता और पूर्वज के धर्म भी वही रहते हैं। इसलिए जबरन धर्मांतरण कराना गलत है। झारखंड समेत कई जगहों पर धर्मांतरण के मामले देखे गए हैं। जागरुकता से ही इसे रोका जा सकता है। ये बातें अपर बाजार स्थित अग्रसेन भवन में बुधवार को द्वारिका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी सदानंद स्वामी कही। वह भक्तों के आग्रह पर उनसे मिलने आए थे। उनका आगमन पूर्वी सिंहभूम में धर्मांतरित आदिवासियों को सनातन की दीक्षा देने के लिए भी हुआ था। उन्होंने कहा कि झारखंड के चारों पड़ोसी राज्यों में आदिवासियों का वास है। वहां धर्मांतरण पर रोक और लोगों को संरक्षण मिलना चाहिए। कहा कि भारत में राजनीति को धर्म के अनुसार चलना चाहिए। राजा धार्मिक हो तो प्रजा भी धार्मिक हो जाएगी। कहा, हिंदू धर्म में गो माता सर्वोपरी है। इससे ही धर्म की रक्षा होगी। चारों शंकराचार्य गोवंश की पूजा और रक्षा की बात करते रहे हैं।

शंकराचार्य सदानंद स्वामी ने कहा कि वह पहली बार रांची आए हैं। उनके गुरुदेव पहले यहां आते रहे हैं। वह तीन बार आ चुके हैं। उसी परंपरा को वह जारी रखना चाहते हैं। कहा कि जब वह आठ साल की अवस्था में थे घर छोड़कर मध्य प्रदेश पहुंचे। वहां अध्ययन के दौरान गुरुजी का सानिध्य मिला। गुरु जब प्रभावित होते हैं तो शिष्य का गौरव बढ़ता है।

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