मनरेगा में मौसम के अनुकूल होगा योजनाओं की चयन
साहिबगंज में मनरेगा के तहत अब मौसम के अनुसार योजनाओं का चयन किया जाएगा। सरकार ने प्री मानसून, मानसून और पोस्ट मानसून के अनुसार काम करने का निर्णय लिया है। इस वर्ष 3500 एकड़ भूमि पर पौधारोपण का लक्ष्य...

साहिबगंज। मनरेगा में मौसम के अनुकूल योजनाओं का अब चयन होगा। सरकार ने मौसम को प्री मानसून, मानसून व पोस्ट मानसून तीन हिस्सों में बांटा है। सरकार 15 जून से मानसून की शुरूआत मानती है। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून समय से पहले दस्तक दे सकती है। ऐसे में मनरेगा में मानसून में होने वाले कामों पर विशेष फोकस होगा। इससे बरसात में भी मजदूरों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार मिल सकेगा। दरअसल, बरसात में लोग निर्माण कार्य कम कराते है। कच्चा मिट्टी काम भी लगभग बंद हो जाता है। ऐसे में मजदूरों के सामाने आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाता है।
इस परिस्थिति में मजदूरों के पास मनरेगा रोजगार का एक अच्छा विकल्प बन सकेगा। इस मौसम में बकरी शेड, मुर्गी शेड, गाय के लिए पक्का शेड व पौधरोपण का काम होगा। 3500 एकड़ भूमि में पौधारोपण लक्ष्य मनरेगा के तहत चालू वित्तीय वर्ष में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत जिले के 3500 एकड़ भूमि पर पौधरोपण का लक्ष्य है। इनमें 1370 एकड़ भूमि चिह्नित किया गया है। जबकि 1178 एकड़ भूमि पर पौधरोपण कार्य की स्वीकृत दी गई है। इस बार पौधरोपण का सबसे अधिक लक्ष्य बरहेट व बरहड़वा प्रखंड में रखा गया है। एक एकड़ सड़क किनारे की भूमि पर पौधरोपण किया जाएगा। इनमें आम, अमरूद, मोरिंगा, लीची व अन्य फलदार पौधा लगाए जाएंगे। फलदार पौधा लगाने के पीछे मजदूरों को मनरेगा में काम के अलावा तीन से चार साल में फलदार पौधा वृक्ष का रूप धारण कर लेगा और पेड़ पर फल आने लगेगा। इससे कृषक फल से भी आमदानी कर सकेंगे। प्रखंड भूमि (एकड़ में) आम अमरूद मोरिंगा बम्बू लीची बोरियो 437 142 02 04 15 01 बरहेट 550 162 00 00 12 03 मंडरो 375 146 00 00 05 12 बरहड़वा 550 109 92 02 02 03 पतना 375 57 27 00 16 00 राजमहल 375 131 06 03 01 04 तालझारी 375 218 03 03 14 00 उधवा 375 101 11 00 00 04 (नोट: आंकड़ा संभावित है । परिवर्तन हो सकता है।) 1410 किसान होंगें लाभांवित बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत जिले के 3500 एकड़ भूमि पर लगने वाले फलदार पौधरोपण से 1410 किसान लाभांवित होंगे। इनमें बरहेट में 161 बरहड़वा में 235, बोरियो में 164, मंडरो में 168, पतना मेें 122, राजमहल में 148, साहिबगंज में 46, तालझारी में 240 व उधवा प्रखंड में 117 किसान है। छह माह से मटेरियल में भुगतान नहीं मनरेगा के हाल यूं ही नहीं बेहाल है। सूत्रों की माने तो पिछले छह माह से मटेरियल मद में सरकार ने जिले को एक भी राशि नहीं दी है। मनरेगा कर्मी भी पांच माह से वेतन की आस लगाए हुए है। हालांकि इन सबके बीच अच्छी खबर है कि मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नियमित है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मनरेगा योजना किस प्रकार से उधार के खाते में चल रहा है। मानसून को देखते हुए मनरेगा में योजनाओं का चयन किया गया है। इससे मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा। सुधीर मुर्मू परियोजना पदाधिकारी साहिबगंज
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