MP में 23 साल बाद खोई जमीन पाने की तैयारी, राहुल गांधी के भोपाल दौरे के मायने समझ लीजिए
राहुल गांधी ने भोपाल में 'संगठन सृजन अभियान' शुरू कर कांग्रेस को 2028 के लिए मजबूत करने का ऐलान किया। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधा। राहुल के भोपाल दौरे की इनसाइड स्टोरी समझ लीजिए

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी मंगलवार को मध्यप्रदेश के भोपाल पहुंचे। रवींद्र भवन में 'संगठन सृजन अभियान' का शुभारंभ करते हुए उन्होंने पार्टी को 2028 के विधानसभा चुनावों के लिए मजबूत करने का ब्लूप्रिंट पेश किया। मध्य प्रदेश में 23 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस अब अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए कमर कस रही है। इस अभियान के तहत ब्लॉक और जिला स्तर पर भितरघातियों को चिन्हित कर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, ताकि संगठन में नई ऊर्जा का संचार हो। राहुल के भोपाल दौरे की इनसाइड स्टोरी समझ लीजिए।
जीतू पटवारी और राहुल की जुगलबंदी
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राहुल गांधी के भोपाल दौरे को ऐतिहासिक बताया। एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत करते हुए पटवारी ने कहा, 'यह भारतीय राजनीति का महत्वपूर्ण दिन है। राहुल जी ने जातिगत जनगणना की जो अलख जगाई, उसने नरेंद्र मोदी और बीजेपी को भी उनकी बात मानने पर मजबूर किया।' इस दौरान राहुल गांधी और जीतू पटवारी की जुगलबंदी देखने को मिली। दोनों नेता एक साथ दिखे, जो पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक संदेश की तरह था।
पीएम मोदी पर राहुल का तीखा हमला
राहुल गांधी ने अपने दौरे में केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने जातिगत जनगणना को संविधान की रक्षा से जोड़ा और कहा, "मोदी जी को मैंने संविधान माथे पर लगाने के लिए मजबूर किया।" इसके अलावा, उन्होंने बीजेपी पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया। राहुल ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए सीजफायर को लेकर भी पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला। राहुल ने कहा कि ट्रंप के फोन के बाद मोदी ने सरेंडर कर दिया।
2028 की तैयारी कर रही कांग्रेस
राहुल गांधी का यह दौरा सिर्फ सांकेतिक नहीं था। उन्होंने प्रदेश कार्यकारिणी, 50 ऑब्जर्वर्स, और जिला अध्यक्षों के साथ बैठक कर संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की रणनीति बनाई। गुजरात मॉडल की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी पार्टी को नई दिशा में ले जाने की योजना है। दिसंबर 2024 में बेलगावी में हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में इस अभियान को मंजूरी दी गई थी।
क्या है राहुल के दौरे का मकसद?
मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटें जीतकर कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटों पर सिमटा दिया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने सभी 29 सीटें जीतीं। ऐसे में राहुल का यह दौरा कांग्रेस के लिए एक करो या मरो की स्थिति जैसा है। संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश के साथ-साथ, राहुल ने सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा जैसे मुद्दों को उठाकर बीजेपी को घेरने की रणनीति बनाई है।
2028 का रोडमैप
राहुल गांधी का भोपाल दौरा मध्य प्रदेश कांग्रेस के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। जीतू पटवारी के साथ मिलकर राहुल ने न सिर्फ संगठन को झकझोरा, बल्कि बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख भी अपनाया। अब सवाल यह है कि क्या यह अभियान 2028 में कांग्रेस को सत्ता के करीब ला पाएगा, या बीजेपी का विजय रथ यूं ही चलता रहेगा?