कुत्ते ने लिफ्ट में पड़ोसी को काटा, कोर्ट ने मालिक को सुनाई 4 महीने की कठोर सजा
मुकदमे के दौरान शाह और घरेलू नौकर अनुज सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बयान दिया। बचाव पक्ष ने इलाज में देरी और प्रारंभिक तौर पर एंटी-रेबीज इंजेक्शन न लेने जैसे तथ्यों को लेकर बचाव की कोशिश की।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कुत्ते के काटने की घटना में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने एक 40 साल के व्यक्ति को उसके पालतू कुत्ते के द्वारा पड़ोसी को लिफ्ट में काटे जाने के मामले में चार महीने की कठोर कैद और 4,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला शहर के वर्ली स्थित अल्फा अपार्टमेंट्स का है। आरोपी ऋषभ पटेल को जानबूझकर चोट पहुंचाने और पालतू जानवर के साथ लापरवाही बरतने के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
मजिस्ट्रेट सुहास भोसले ने कहा, “CCTV फुटेज में साफ दिखता है कि आरोपी अपने ही पालतू कुत्ते को जबरन लिफ्ट में घसीटता है। इससे साफ है कि उसे न तो अपने पालतू जानवर की चिंता थी, न ही लिफ्ट में मौजूद लोगों की।” उन्होंने आगे कहा, "ऐसे कृत्य के लिए अदालत बहुत अधिक नरमी नहीं बरत सकती।"
घटना तीसरी मंजिल पर लिफ्ट के दरवाजे खुलने के समय की है, जब पीड़ित रामिक शाह, उनका डेढ़ साल का बेटा और घरेलू नौकर अनुज सिंह चौथी मंजिल से नीचे जा रहे थे। शाह ने पटेल से अनुरोध किया कि उनका बेटा कुत्तों से डरता है। थोड़ी देर लिफ्ट में चढ़ने से रुकने के लिए कहा। लेकिन पटेल ने इस आग्रह को नजरअंदाज करते हुए, हस्की को खींचते हुए लिफ्ट में जबरन प्रवेश कर लिया। इसके बाद हस्की ने शाह की बांह पर काट लिया।
शाह के अनुसार, वह और उनका परिवार लिफ्ट से बाहर निकल गए लेकिन पटेल ने उन्हें पीछा करते हुए कहा, "जो करना है कर लो।" इसके बाद शाह ने अपना इलाज कराया और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
मुकदमे के दौरान शाह और घरेलू नौकर अनुज सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बयान दिया। बचाव पक्ष ने इलाज में देरी और प्रारंभिक तौर पर एंटी-रेबीज इंजेक्शन न लेने जैसे तथ्यों को लेकर बचाव की कोशिश की लेकिन अदालत ने गवाहों के बयानों को सुसंगत और विश्वसनीय माना। जज ने कह, "सिर्फ इसलिए कि गवाह पीड़ित का घरेलू नौकर है, हम उसके बयान को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।"