कक्षा 1 से 5 तक हिन्दी होगी अनिवार्य, भाषा विरोध के बीच राज्य सरकार का फैसला
- Maharashtra: महाराष्ट्र में नई शिक्षा नीति के तहत कक्षा 1 से 5 तक हिंदी की पढ़ाई अनिवार्य होगी। राज्य स्कूल विभाग ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। अंग्रेजी और मराठी माध्यमों के स्कूलों को छोड़कर बाकी में पहले से ही हिन्दी पढ़ाई जाती है। इस फैसले के बाद इन स्कूलों में भी हिन्दी अनिवार्य है।

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में इन भाषाओं के साथ-साथ हिंदी भाषा को भी कक्षा 1 से 5 तक के लिए अनिवार्य कर दिया है। राज्य में मराठी भाषा को बढ़ाए जाने और हिंदी भाषी लोगों के साथ होने वाली मारपीट की कई घटनाएं सामने आने के बीच राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के पाठ्यक्रम के तहत महाराष्ट्र में यह तीन भाषा फॉर्मूला लाया गया है।
राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने बुधवार को इस बारे में एक बयान जारी करते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुझावों को मानते हुए पाठ्यक्रम को एक नए तरीके से तैयार किया गया है। इस बयान के अनुसार, महाराष्ट्र् के अन्य माध्यम स्कूल पहले से ही तीन भाषा फॉर्मूले का पालन कर रहे हैं.. क्योंकि राज्य में मराठी और अंग्रेजी भाषा को पढ़ाना अनिवार्य है। ऐसे में यह अपने आप ही तीन भाषाएं पढ़ाते हैं। मराठी और अंग्रेजी भाषाओं के स्कूलों में केवल दो भाषाएं पढ़ाई जाती थीं। अब इनमें हिंदी भी पढ़ाई जाएगी। यह नई नीति अगले शैक्षिणिक वर्ष 2025 से लागू हो जाएगी।
इसके अलावा राज्य सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत कई अन्य बदलावों की भी घोषणा की। बयान के मुताबिक नए शैक्षिणिक वर्ष 2025 से अब स्कूली शिक्षा में 5+3+3+4 फॉर्मूले की शुरुआत की जाएगी। इसमें पहले के पांच साल फाउंडेशन स्टेज के होंगे, जबकि कक्षा तीन से 5 तक प्रारंभिक स्टेज के होंगे। कक्षा 6 से आठ मिडिल स्कूल के अंतर्गत आएंगे जबकि अंतिम चार साल माध्यमिक शिक्षा के होंगे।
नई नीति के अनुसार महाराष्ट्र के राज्य बोर्ड की किताबों में भी बदलाव किया जाएगा। यह किताबें भी अब राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा विकसित किए गए पाठ्यक्रम के आधार पर ही होंगी। इसके साथ ही इनमें स्थानीय भाषा और भूगोल के हिसाब से सामाजिक विज्ञान में बदलाव किए जाएंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक निदेशक राहुल रेखवार ने कहा कि प्री प्राइमरी सेक्शन के पहले तीन वर्षों के लिए पहले ही पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। इसे महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग के सहयोग से लागू किया गया है। इसके अलावा इस पाठ्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आंगनवाड़ियों में काम करने वाले लोगों के लिए हम कार्यशालाएं आयोजित करेंगे।