भारत ने उत्तर कोरिया में आलियावेती लोंगेकुमेर को बनाया राजदूत, जल्द संभालेंगे कार्यभार
भारत सरकार ने तानाशाह किम जोंग उन के देश उत्तर कोरिया में अपना नया राजदूत नियुक्त किया है। फिलहाल पराग्वे में तैनात भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी आलियावेती लोंगेकुमेर को राजदूत बनाया गया है।

भारत सरकार ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया या उत्तर कोरिया में अपना नया राजदूत नियुक्त किया है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी। लोंगकुमेर वर्तमान में पैराग्वे में भारतीय दूतावास के प्रभारी हैं। ऐसी संभावना है कि वह जल्दी ही उत्तर कोरिया में भारत के अगले राजदूत के रूप में अपना कार्यभार संभाल लेंगे। आपको बता दें भारत ने 2 जुलाई 2021 को उत्तर कोरिया में अपना दूतावास बंद कर दिया था उस वक्त वहां पर अतुल गोतसुर्वै बतौर राजदूत तैनात थे।
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि भारत और उत्तर कोरिया के बीच संबंधों की विशेषता हमेशा से मित्रता, सहयोग और आपसी समझ रही है। उत्तर कोरिया के साथ भारत के दूतावास संबंध मार्च 1962 में स्थापित किए गए थे। इसके अलावा उत्तर कोरिया में भारत का काउंसलेट जनरल 1968 में स्थापित किया गया था इसके बाद 10 दिसंबर 1973 को दोनों देशों के बीच में राजनयिक संबंध स्थापित किए गए थे।
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि 1950 से 1953 तक चले कोरियाई युद्ध के समय संयुक्त राष्ट्र ने भारत की अध्यक्षता में 9 सदस्यी राष्ट्रों का एक आयोग गठित किया था। मेजर जनरल के एस थिमैया की अध्यक्षता वाले इस आयोग ने दोनों देशों के बीच में युद्धबंधियों के आदान प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इससे पहले उत्तर कोरिया पर जारी किए गए बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत ने उत्तर कोरिया से कोरियाई प्रायद्वीप पर बढ़ते तनाव को कम करने के लिए परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों को कम करने का आग्रह किया था। भारत की तरफ से कहा गया था कि भारत कूटनीति और संवाद के माध्यम से कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता लाने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। इतना ही नहीं भारत ने 2018 में पनमुनजोम औ प्योगयांग में हुई कोरियाई शिखर सम्मेलन का भी स्वागत किया था।