अरुणाचल में हमारे सैनिकों की पिटाई... राहुल गांधी के इस बयान पर भड़का हाई कोर्ट, लगाई फटकार
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा ने राहुल गांधी को उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में 24 मार्च को सुनवाई के लिए पेश होने का निर्देश दिया था। इसे चुनौती देते हुए राहुल ने हाई कोर्ट का रुख किया था।

भारतीय सेना को लेकर दिए गए एक बयान पर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को फटकार लगाई है। भड़कते हुए कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, लेकिन यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है और इसमें भारतीय सेना के लिए अपमानजनक बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है।
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। उन्होंने साल 2022 में राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं। उस समय राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा चल रही थी और इसी दौरान यह बयान दिया गया था।
राहुल गांधी ने कहा था, "लोग भारत जोड़ो यात्रा, अशोक गहलोत और सचिन पायलट आदि के बारे में पूछेंगे। लेकिन वे चीन द्वारा 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने, अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई करने के बारे में एक भी सवाल नहीं पूछेंगे। भारतीय प्रेस उनसे इस बारे में एक भी सवाल नहीं पूछता। क्या यह सच नहीं है? देश यह सब देख रहा है। ऐसा दिखावा न करें कि लोगों को नहीं पता।"
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा ने राहुल गांधी को उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में 24 मार्च को सुनवाई के लिए पेश होने का निर्देश दिया था। इसे चुनौती देते हुए राहुल ने हाई कोर्ट का रुख किया था। शिकायत सेवानिवृत्त सीमा सड़क संगठन निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव द्वारा दायर की गई थी, जिनका पद सेना के कर्नल के बराबर है।
राहुल गांधी के इस तर्क को खारिज करते हुए कि शिकायतकर्ता सेना का अधिकारी नहीं था और उसने व्यक्तिगत रूप से उनकी मानहानि नहीं की है, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 199(1) के तहत, प्रत्यक्ष पीड़ित के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को अपराध से प्रभावित होने पर पीड़ित व्यक्ति माना जा सकता है। चूंकि उदय श्रीवास्तव ने सेना के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त किया था और वे इस टिप्पणी से व्यक्तिगत रूप से आहत थे, इसलिए वे शिकायत दर्ज कराने के योग्य थे।