गधों की महफिल में घोड़ों की चर्चा कहां से आ गई; राहुल गांधी के बयान पर BJP ने कसा तीखा तंज
कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान की शुरुआत के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था, ‘ये हमारी सेना है, ये लड़ने और मरने के लिए तैयार है। मगर बीच में दो-तीन लोग उल्टे-सीधे बयान देते रहते हैं।’

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में थे, जहां उन्होंने पार्टी के ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत की। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक फोन आया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही राहुल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीन तरह के घोड़ों का उदाहरण देते हुए पार्टी नेताओं के बीच से रेस के घोड़े, बारात के घोड़े और लंगड़े घोड़े चुने की बात भी कही। उनके इसी बयान पर तंज कसते हुए मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा ने पलटवार किया है। शर्मा ने कहा कि गधों की महफिल में घोड़ों की चर्चा कहां से आ गई। शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी को ये बताना चाहिए कि उन्होंने यह बात किसके लिए कही है।
राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और पार्टी सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि 'राहुल गांधीजी से मैं पूछना चाहता हूं कि संगठन सृजन की बैठक में उन्होंने जिस प्रकार के वक्तव्य दिए हैं, गधों की महफिल में घोड़ों की चर्चा कहां से आ गई। राहुल गांधी को बताना चाहिए और मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने किसके लिए यह बात कही है। एक तरफ उनके नेता दिग्विजय सिंह कहते थे कि मैं वोट मांगने जाता हूं तो जनता वोट देती नहीं है उल्टा वोट काट देती है। दूसरी तरफ उनके वर्तमान अध्यक्ष जीतू पटवारी जी कहते हैं कि संगठन जाए तेल लेने, वहीं कमलनाथ कुछ और कहते हैं। तो राहुल गांधीजी बताएं कि ये वक्तव्य जो आपने दिया है, वो किसके लिए दिया है। जरा वे यह भी बताएं कि कांग्रेस में कौन रेस का घोड़ा है और कौन बारात का घोड़ा है, यह बात मध्य प्रदेश की जनता जानना चाहती है।'
इससे पहले कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान की शुरुआत के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था, 'ये हमारी सेना है, ये लड़ने और मरने के लिए तैयार है। मगर बीच में दो-तीन लोग उल्टे-सीधे बयान देते रहते हैं। इनमें से कुछ ऐसे लोग हैं जो निराशा में बयान दे देते हैं, कुछ ऐसे लोग हैं जो थोड़ा भाजपा का भी काम कर लेते हैं।'
'यहां पर जिला अध्यक्ष आए हैं और आप में से ऐसे लोग होंगे जो पूरी शक्ति के साथ, दिल के साथ कांग्रेस पार्टी के लिए काम करते हैं। और ऐसे भी लोग होंगे जो थोड़ा थक गए हैं, या जिनका मूड ठीक नहीं है, या जो ज्यादा टेंशन लिए हैं। अब रेस के घोड़े को और बारात के घोड़े को अलग तो करना ही पड़ेगा। पहले मैं कहता था, घोड़े दो टाइप के होते हैं, एक रेस का घोड़ा और दूसरा बारात का घोड़ा। एक बार कमलनाथ ने कहा था, कांग्रेस पार्टी कभी-कभी रेस के घोड़े को बारात में भेज देती है, और कभी-कभी बारात के घोड़े को रेस की लाइन में खड़ा कर देती है। उसको पीछे से एक चाबुक पड़ता है, और वह वहीं बैठ जाता है।'
आगे उन्होंने कहा, 'मगर इन दो के अलावा एक तीसरी कैटेगरी भी होती है और वह है लंगड़े घोड़े की, तो इन्हें ही छांटना है हमें। लंगड़ा कौन सा है, बारात का कौन सा है और रेस का कौन सा है। बारात वाले को बारात में भेजना है, रेस वाले को रेस में डालना है और लंगड़े वाले को रिटायर करना है। कि भैया ये लो थोड़ी सी घास चरो, घास खाओ पानी पियो, आराम करो, बाकी लोगों को तंग मत करो। बाकी घोड़ो को डिस्टर्ब मत करो, नहीं तो फिर कार्रवाई करनी पड़ेगी। जो लंगड़ा घोड़ा होता है, और जो बाकी को डिस्टर्ब करता है, तो उसके साथ क्या होता है, जानते हो, वो मैं नहीं कहूंगा। तो यह बदलाव लाना है।'