DK Shivkumar dispute with Siddaramaiah continues, different tunes even on delimitation सिद्धारमैया संग जारी है डीके शिवकुमार की तकरार, डिलिमिटेशन पर भी अलग-अलग राग, India Hindi News - Hindustan
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सिद्धारमैया संग जारी है डीके शिवकुमार की तकरार, डिलिमिटेशन पर भी अलग-अलग राग

  • लोकसभा में बुधवार को डीएमके सदस्य डी.एम. काथीर आनंद ने कहा कि प्रस्तावित डिलिमिटेशन प्रक्रिया उन प्रगतिशील राज्यों जैसे तमिलनाडु को नुकसान पहुंचाएगी, जिन्होंने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानThu, 13 March 2025 06:15 AM
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सिद्धारमैया संग जारी है डीके शिवकुमार की तकरार, डिलिमिटेशन पर भी अलग-अलग राग

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा जनसंख्या आधारित डिलिमिटेशन की प्रक्रिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का समर्थन किया। उन्होंने इस मुद्दे पर ऐक्शन की आवश्यकता पर जोर दिया। वहीं, उनके डिप्टी डीके शिवकुमार ने पार्टी आलाकमान की सलाह पर सावधानीपूर्वक कदम उठाने की बात कही है।

तमिलनाडु से आया एक प्रतिनिधिमंडल बेंगलुरु में सिद्धारमैया से मिला और जनसंख्या आधारित डिलिमिटेशन के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर चर्चा की। इस दौरान स्टालिन ने फोन पर सिद्धरामैया से बात की और उन्होंने कर्नाटक से एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता को नामांकित करने की अपील की। कर्नाटक सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य तमिलनाडु के साथ है और यह प्रक्रिया गैर-लोकतांत्रिक है क्योंकि इसे सभी राज्यों की सहमति के बिना किया जा रहा है।

सीएमओ के बयान के मुताबिक, सिद्धारमैया ने कांग्रेस पार्टी की ओर से यह कहा कि वे केंद्र सरकार के ऐसे सभी कदमों की निंदा करते हैं जो कर्नाटक के हितों के खिलाफ हों, लोकतंत्र को कमजोर करे और संविधान के संघीय सिद्धांतों के खिलाफ हो। स्टालिन के अनुसार, प्रस्तावित संयुक्त कार्रवाई समिति में केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। इस समिति का पहला बैठक 22 मार्च को चेन्नई में आयोजित किया जाएगा।

लोकसभा में बुधवार को डीएमके सदस्य डी.एम. काथीर आनंद ने कहा कि प्रस्तावित डिलिमिटेशन प्रक्रिया उन प्रगतिशील राज्यों जैसे तमिलनाडु को नुकसान पहुंचाएगी, जिन्होंने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह केवल जनसंख्या के बजाय राज्यों की आर्थिक प्रदर्शन, प्रति व्यक्ति आय, बुनियादी ढांचे में सुधार जैसे महत्वपूर्ण मानकों को ध्यान में रखते हुए यह प्रक्रिया करे।

वहीं, बीजेपी के सदस्य निशिकांत दुबे ने भी इस मुद्दे को उठाया और पश्चिम बंगाल की सीमाओं से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले बांगलादेशी नागरिकों के संदर्भ में चिंता जताई। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार जब डिलिमिटेशन करे तो इन घुसपैठियों को बाहर रखा जाए।