fight between Hindi and Tamil is continue Stalin now has an objection to Vande Bharat train नहीं थम रही हिंदी बनाम तमिल की लड़ाई, स्टालिन को अब 'वंदे भारत' ट्रेन से भी आपत्ति, India Hindi News - Hindustan
Hindi Newsदेश न्यूज़fight between Hindi and Tamil is continue Stalin now has an objection to Vande Bharat train

नहीं थम रही हिंदी बनाम तमिल की लड़ाई, स्टालिन को अब 'वंदे भारत' ट्रेन से भी आपत्ति

  • स्टालिन ने अंत में यह कहा कि तमिल के लिए वास्तविक समर्थन केवल शब्दों से नहीं बल्कि ठोस कदमों से दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तमिल से प्यार कार्यों से साबित होता है, न कि धोखाधड़ी से।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 5 March 2025 11:08 AM
share Share
Follow Us on
नहीं थम रही हिंदी बनाम तमिल की लड़ाई, स्टालिन को अब 'वंदे भारत' ट्रेन से भी आपत्ति

'हिंदी बनाम तमिल' का झगड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन लगातार इसे तूल दे रहे हैं। उन्होंने बुधवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार तमिल भाषा के समर्थन में प्रतीकात्मक कदम उठाने के बजाय ठोस और वास्तविक कदम उठाए। स्टालिन ने केंद्र सरकार से तमिल को आधिकारिक भाषा बनाने, हिंदी थोपने को रोकने और तमिलनाडु के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की मांग की है।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तमिल संस्कृति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर सवाल उठाए। स्टालिन ने लिखा, "अगर बीजेपी का यह दावा सही है कि हमारे सम्माननीय प्रधानमंत्री को तमिल से गहरी प्रेम है, तो उनके काम में यह कभी क्यों नहीं दिखाई देता?" उन्होंने कहा कि प्रतीकात्मक कार्यों से ज्यादा ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

स्टालिन ने कहा, "संसद में सेंगोल स्थापित करने के बजाय, तमिलनाडु में केंद्र सरकार के कार्यालयों से हिंदी हटाएं। ढोंग करने के बजाय तमिल को हिंदी के बराबर आधिकारिक भाषा बनाएं और संस्कृत जैसी मृत भाषा की तुलना में तमिल के लिए अधिक निधि आवंटित करें।"

स्टालिन ने राज्य में संस्कृत और हिंदी को बढ़ावा देने के प्रयासों की आलोचना करते हुए कहा, "तिरुवल्लुवर का भगवाकरण करने के प्रयासों को रोकें और उनकी कालजयी कृति तिरुक्कुरल को भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करें।" उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बजट में तिरुक्कुरल का हवाला देना पर्याप्त नहीं है और उन्होंने केंद्र से तमिलनाडु के विकास के लिए ठोस उपायों की अपील की। उन्होंने कहा, "उनका सम्मान तब होगा जब केंद्र तमिलनाडु के लिए विशेष योजनाएं, त्वरित आपदा राहत फंड और नई रेलवे परियोजनाएं लागू करेगा।"

ट्रेनों के नाम पर आपत्ति

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तमिलनाडु में सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं में संस्कृत के उपयोग पर उनकी नाराजगी है। उन्होंने कहा, "तमिलनाडु में हिंदी पखवाड़ा पर करदाताओं का पैसा बर्बाद करना बंद करें। तमिलनाडु की ट्रेनों पर संस्कृत नाम जैसे 'अंत्योदय', 'तेजस' और 'वंदे भारत' लगाने की बेतुकी आदत को खत्म करें। इन ट्रेनों के नाम तमिल में रखें जैसे कि 'चेमोज़ी', 'मुथुनगर', 'वैगई', 'मलाईकोट्टाई', 'तिरुक्कुरल एक्सप्रेस' आदि।"

स्टालिन ने अंत में यह कहा कि तमिल के लिए वास्तविक समर्थन केवल शब्दों से नहीं बल्कि ठोस कदमों से दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा, "तमिल से प्यार कार्यों से साबित होता है, न कि धोखाधड़ी से।"

अन्नामलाई का स्टालिन पर पलटवार

बीजेपी के तमिलनाडु अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने स्टालिन के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी और सवाल उठाया कि उन्होंने तमिल भाषा को तमिलनाडु की सीमाओं के बाहर कैसे प्रचारित किया। अन्नामलाई ने X पर लिखा, "जब आप राज्य और केंद्र में सत्ता में थे तब आपने तमिल भाषा को तमिलनाडु की सीमाओं के बाहर फैलाने के लिए क्या प्रयास किए थे? क्या किसी ने DMK को इसे करने से रोका था?" उन्होंने यह भी याद दिलाया कि तमिल विकास केंद्र कार्यक्रम पहले की AIADMK सरकार द्वारा शुरू किया गया था और स्टालिन से इस कार्यक्रम को जारी रखने के उनके प्रयासों के बारे में सवाल पूछा। उन्होंने कहा, "आपने पहले की AIADMK सरकार द्वारा शुरू किए गए तमिल विकास केंद्र कार्यक्रम को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए हैं?"