MR हैं आप तो पढ़ लें ये खबर, सरकार के एक फैसले ने दे दिया बड़ा झटका
IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल का कहना है कि MR की एंट्री को लेकर नियम बनाए जाने चाहिए और पूरी तरह बैन नहीं करना चाहिए।

दवाओं के प्रचार के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाने वाले MR यानी मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए यह जानकारी चिंता बढ़ाने वाली है। खबर है कि सरकार के इस फैसले को बाद उनकी केंद्र सरकार के अस्पतालों में एंट्री पर रोक लग सकती है। मांग की जा रही है कि MR की एंट्री पर रोक लगाने के बजाए कुछ नियम स्थापित कर दिए जाएं। हालांकि, निजी अस्पतालों को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं दिए गए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक (DGHS) सुनीता शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश के जरिए मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स से ईमेल या अन्य डिजिटल मीडिया साधनों के जरिए जानकारी मांगी गई है। आरोप लगते हैं कि रहे हैं कि MR दवाओं की बिक्री बढ़ाने के लिए डॉक्टरों को लुभावने वादे करते हैं।
इनमें महंगे तोहफे से लेकर विदेश यात्राओं तक के वादे शामिल हैं। कहा जाता है कि MR दावाओं की सेल बढ़ाने के लिए डॉक्टरों को कॉन्फ्रेंस और वर्कशॉप के नाम पर विदेश यात्रा के मौके देते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विनय अग्रवाल का कहना है कि MR की एंट्री को लेकर नियम बनाए जाने चाहिए और पूरी तरह बैन नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर कोई MR गिफ्ट देने जैसी अवैध तरीके अपना रहा है, तो उनपर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन मेरे हिसाब से सिर्फ प्रोडक्ट के बारे में बात करने के कारण उनकी एंट्री पर पूरी तरह बैन लगाना समझदारी नहीं है।'