ट्रेड डील के जरिए US से संबंध मजबूत करने पर जोर, टैरिफ विवाद के बीच क्या बोला विदेश मंत्रालय
- रणधीर जायसवाल ने कहा कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत करने की योजना की घोषणा की थी।

अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते के जरिए भारत टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं को कम करने सहित व्यापार संबंधों को मजबूत करने पर विचार कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने व्यापार साझेदारों पर जवाबी टैरिफ की घोषणा करने के कुछ दिनों बाद यह बात कही गई। ट्रंप ने अपनी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत 2 अप्रैल से कई व्यापार साझेदारों पर जवाबी शुल्क की घोषणा की, जो यूएस से आयात पर अधिक टैरिफ लगाते हैं। इस पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए नई दिल्ली ने संकेत दिया कि वह इस मुद्दे के सौहार्दपूर्ण समाधान की उम्मीद करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत करने की योजना की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में थे और उन्होंने अपने समकक्षों से मुलाकात की। दोनों सरकारें बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में हैं।
भारत-अमेरिका के दोतरफा व्यापार को मजबूत करना लक्ष्य
रणधीर जायसवाल ने कहा कि बीटीए के माध्यम से हमारा उद्देश्य माल और सेवा क्षेत्र में भारत-अमेरिका के दोतरफा व्यापार को मजबूत करना है। साथ ही इसके जरिए बाजार पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं को कम करने पर जोर होगा। कुछ अमेरिकी आयातों पर 100 प्रतिशत व्यापार टैरिफ को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बीते दिनों सवाल किया गया। इस पर उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत तक के व्यापार शुल्क विश्व व्यापार संगठन के मानदंडों के तहत हैं। इन्हें राष्ट्रीय विकास और घरेलू उद्योगों को समर्थन देने के लिए लगाया जाता है। उन्होंने कहा, 'इसलिए जब आप विकास के उस चरण में होते हैं, जब आपके अपने उद्योग को बढ़ना होता है, तो डब्ल्यूटीओ मानदंडों के अनुसार आप जो भी व्यापार शुल्क लगा सकते हैं... आप लगाएंगे।'