Justice Yashwant Verma is not alone these judges have also been accused of corruption जस्टिस यशवंत वर्मा अकेले नहीं, इन जजों पर भी लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप, India Hindi News - Hindustan
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जस्टिस यशवंत वर्मा अकेले नहीं, इन जजों पर भी लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप

  • आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब देश के बड़े जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी कई जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSun, 23 March 2025 06:06 AM
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जस्टिस यशवंत वर्मा अकेले नहीं, इन जजों पर भी लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर नोट मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना ने देश की न्यायिस व्यस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना को जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में लगी आग के बारे में एक रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा के घर से अधजली भारतीय मुद्रा मिलने का जिक्र किया गया है। हालांकि, जस्टिस वर्मा ने सरकारी आवास में पैसे मिलने की बात को नकार दिया है। उन्होंने कहा, मुझे कभी भी आउटहाउस के स्टोररूम में नकदी के पड़े होने की जानकारी नहीं थी। न ही परिवार के किसी सदस्य को।

जस्टिस वर्मा ने कहा कि ऐसे में मुद्रा के स्रोत को स्पष्ट करने का प्रश्न ही नहीं उठता। मैं इस आरोप को भी दृढ़ता से नकारता हूं और पूरी तरह से खारिज करता हूं। उन्होंने कहा कि हमें न तो जली हुई मुद्रा की कोई बोरी दिखाई गई और न ही सौंपी गई।

आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब देश के बड़े जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी कई जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं।

जस्टिस एसएन शुक्ला

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रहने के दौरान सीबीआई ने जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ दिसंबर 2019 में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। आरोप था कि उन्होंने मौद्रिक लाभ के लिए लखनऊ स्थित एक मेडिकल कॉलेज को अनुकूल आदेश पारित करके मदद की। न्यायमूर्ति शुक्ला जुलाई 2020 में सेवानिवृत्त हुए।

जस्टिस निर्मल यादव

2008 में 15 लाख रुपये नकद वाला पार्सल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर के आवास पर पहुंचाया गया था। इसको लेकर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में आरोप लगा कि ये पैसे न्यायमूर्ति निर्मल यादव के घर भेजा जाना था, जो कि उसी उच्च न्यायालय में जज थे। यह मुकदमा अभी भी लंबित है।

जस्टिस शमित मुखर्जी

वर्ष 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस शमित मुखर्जी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उन पर कई करोड़ रुपये के जमीन घोटाले में संलिप्तता के आरोप लगे थे। सीबीआई ने उन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने एक ऐसे रेस्टोरेंट मालिक के पक्ष में आदेश दिया जिसने एक सार्वजनिक जमीन पर कब्जा कर रखा था। इसके लिए उन्हें पैसे देने की बात भी सामने आई थी।

जस्टिस सौमित्रा सेन

कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति सौमित्रा सेन पर 1993 में न्यायालय द्वारा नियुक्त रिसीवर के रूप में 32 लाख रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया था। राज्यसभा द्वारा उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद न्यायमूर्ति सेन ने सितंबर 2011 में इस्तीफा दे दिया था।

न्यायमूर्ति पीडी दिनाकरन

न्यायमूर्ति दिनाकरन ने जुलाई 2011 में सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि उन पर भारी संपत्ति अर्जित करने और न्यायिक कदाचार के आरोप लगे थे। 2010 में, आरोपों की जांच के लिए राज्यसभा में एक समिति का गठन किया गया था। संभावित महाभियोग से बचने के लिए उन्होंने पद छोड़ दिया।