15 जून से 15 अक्टूबर तक बालू के खनन पर रहेगी रोक
छपरा में, 15 जून से 15 जुलाई तक बालू खनन पर रोक लगेगी। एनजीटी के निर्देश पर विभाग ने ड्रोन से बालू स्टॉक का सर्वे शुरू किया है ताकि निर्माण कार्य बाधित न हो। सारण में गंगा, गंडक और घाघरा नदियों से...

बालू स्टॉक करने के लिए ड्रोन से दो घाटों का कराया गया सर्वे छपरा, एक संवाददाता। 15 जून से 15 जुलाई तक बालू के खनन पर ब्रेक लग जाएगा । एनजीटी के निर्देश पर विभाग ने बालू का भंडारण करने के लिए ड्रोन के माध्यम से बालू स्टॉक का सर्वे कराना शुरू कर दिया है। हर साल की तरह इस साल भी बालू का स्टॉक कराया जा रहा है ताकि लोगों को बालू के लिए निर्माण कार्य बाधित करना नहीं पड़े। वैसे भी बालू की कीमत पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है । निर्धारित दर पर किसी भी मार्केट में बालू उपलब्ध नहीं है ।
बाजार में मांग के हिसाब से बालू की कीमत तय होती है। इसका सीधा असर सरकारी व गैर सरकारी निर्माण कार्य पर पड़ता है । बाढ़ को देखते हुए खनन पर 3 माह तक रोक लग जाती है । पहले नदियों से निकला बालू तीन माह में पुन: भरता है या नहीं, इसे देखा जाता है । साथ ही जीव जंतु के संरक्षण का भी ख्याल रखा जाता है । जानकारी के अनुसार सारण में तीन नदियां गंगा, गंडक, घाघरा का संगम है। इन नदियों से सिर्फ उजला बालू निकलता है । इनमें डोरीगंज तिवारी घाट, महुआ घाट, चिरांद वन, टू, रहरिया घाट ,झौवा घाट , सबलपुर ,पहलेजा घाट ,घेघटा का नाम शामिल है। उधर खान निरीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया कि ड्रोन से स्टॉक मापी के बाद ही बताया जा सकता है कि इन घाटों पर कितना बालू है।
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