लालू के जन्मदिन पर आंबेडकर का अपमान? वीडियो पर सियासी खलबली; आरजेडी पर एनडीए हमलावर
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लालू यादव को उनके एक समर्थक की ओर से उपहार के रूप में आंबेडकर की तस्वीर भेंट की जा रही है। लालू यादव के पैर से पास फोटो रखकर फोटो सेशन कराया गया है। लालू तस्वीर को हाथ भी नहीं लगाते।

लालू यादव के जन्मदिन वाले एक वीडियो पर बिहार की सियासत में खलबली मच गई है। लालू प्रसाद और राजद पर संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और दलित समाज के अपमान का आरोप लगाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत एनडीए के कई नेताओं ने लालू प्रसाद पर जोरदार हमला बोला है। राजेडी ने इस पर सफाई दी है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें लालू यादव को उनके एक समर्थक की ओर से उपहार के रूप में आंबेडकर की तस्वीर भेंट की जा रही है। लालू यादव के पैर से पास फोटो रखकर फोटो सेशन कराया गया है। लालू तस्वीर को हाथ भी नहीं लगाते। उनके सुरक्षाकर्मी फोटो लेकर रख देते हैं। इस दौरान लालू यादव कुछ भी नहीं बोलते। एनडीए के दलित चेहरा और मोदी सरकार में एमएसएमई मंत्री जीतनराम मांझी ने इसे ना सिर्फ बाबा साहेब बल्कि दलित समाज का अपमान बताया है।
जीतनराम मांझी ने कहा है कि लालू यादव किसी को सम्मान नहीं देते तो दलितों के भगवान आंबेडकर को कैसे छोड़ सकते हैं। बाबा साहेब की ओर पैर करके, पैर पर पैर चढ़ाकर बैठना और पैर दिखलाना बहुत बड़ा अपमान है। जनता इस चीज को समझे। वहीं हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने कहा है कि यह देश का अपमान है, संविधान का अपमान है। संविधान की दुहाई देने वाले इसके निर्माता को इज्जत नहीं दे रहे। उधर आरजेडी ऑफिस में कचड़े के ढेर में बाबा साहेब की तस्वीर भी वायरल हो रहा है। यह चुनावी मुद्दा बन सकता है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दलित पिछड़ों का अपमान करना लालू जी की कार्यसंस्कृति में है। जन्मदिन पर आंबेडकर का अपमान करना राजनीति का एक काला अध्याय है। वीडियो देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि लालू प्रसाद के मन में बाबा साहेब के प्रति कोई सम्मान नहीं है। हापुरुषों का अपमान करना लालू प्रसाद की आदत रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि लालू प्रसाद ने जन्मदिन के मौके पर आंबेडकर की तस्वीर को पैर के पास रखा यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जिसने दिया वह दरबारी हो सकता है पर लालू यादव क्या कर रहे थे। उन्हें तो समझना चाहिए था कि आंबेडकर देश के मसीहा हैं।
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि आंबेडकर के नाम पर राजनीति करने वाले उनका अपमान कर रहे हैं। यही उनका समाजवादी सोच है। सब लोग उनको पूजते हैं और ये पैर दिखा रहे हैं। बीजेपी के मंत्री जनक राम ने कहा है कि इस घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। लालू यादव और उनके पूरे परिवार को बिहार की 14 करोड़ जनता से माफी मांगना चाहिए।
राजद प्रवक्ता सारिका पासवान ने सफाई देते हुए कहा है कि लालू यादव ने ही बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को सच्चे अर्थों में सम्मान देते हैं। बीजेपी इसे नहीं समझेगी। उस कार्यकर्ता की भावना को नहीं समझा जा रहा है।