टैरिफ पर लगातार धमकी दे रहे ट्रंप; यूएस ने लिया क्या ऐक्शन, सरकार ने संसद में बताया
- जितिन प्रसाद ने सीपीआई(एम) सांसद जॉन ब्रिटास के सवाल के जवाब में कहा, ‘अमेरिका ने अब तक खासतौर से भारत पर कोई भी कर लगाने की कार्रवाई नहीं की है जिसमें पारस्परिक टैरिफ भी शामिल है।’

अमेरिका की ओर से भारत पर कोई पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariff) नहीं लगाया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को संसद में यह जानकारी दी। राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, 'यूएस ने बीते 13 फरवरी को पारस्परिक व्यापार और टैरिफ पर एक ज्ञापन जारी किया। इसमें वाणिज्य सचिव और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को यह जांच करने का निर्देश दिया गया कि व्यापारिक भागीदारों के गैर-पारस्परिक व्यापार समझौते से अमेरिका को नुकसान हुआ है या नहीं। इस तरह प्रत्येक व्यापारिक भागीदार को लेकर रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसके आधार पर यूएस उसके खिलाफ किसी भी प्रासंगिक अमेरिकी कानून के तहत कार्रवाई कर सकता है।'
जितिन प्रसाद ने सीपीआई(एम) सांसद जॉन ब्रिटास के सवाल के जवाब में कहा, 'अमेरिका ने अब तक खासतौर से भारत पर कोई भी कर लगाने की कार्रवाई नहीं की है जिसमें पारस्परिक टैरिफ भी शामिल है। यूएस ने सभी देशों से स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं, जिसमें किसी भी देश को छूट नहीं दी गई।' इसके बावजूद, दोनों देश पारस्परिक रूप से लाभकारी और निष्पक्ष तरीके से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए एक-दूसरे के साथ बातचीत लगातार जारी है।
टैरिफ को लेकर लगातार निशाना साध रहे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की तरफ से अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए उच्च शुल्क की बार-बार आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारत बहुत अधिक शुल्क लगाने वाला देश है। वह अतीत में भी भारत को टैरिफ किंग करार दे चुके हैं। पिछले महीने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान भी ट्रंप ने कहा था कि भारत सीमा शुल्क के मामले में बहुत सख्त रहा है। ट्रंप ने मार्च की शुरुआत में कहा था कि भारत अपने शुल्क में काफी कटौती करने पर सहमत हो गया है। हालांकि, वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने 10 मार्च को संसदीय समिति को बताया था कि इस बारे में बातचीत अभी जारी है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार शुल्क पर अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है।