ये तो मनी लॉन्ड्रिंग है, नेशनल हेराल्ड से जुड़ी संपत्तियों की कुर्की का आदेश बरकरार; कांग्रेस को झटका
प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि उसका मानना है कि ईडी द्वारा कुर्क की गई चल संपत्ति और इक्विटी शेयर अपराध से अर्जित कमाई हैं और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के अपराध से संबंधित हैं।

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पीएमएलए निर्णायक प्राधिकरण ने कांग्रेस से जुड़े ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार और उससे संबद्ध कंपनियों की संपत्ति की कुर्की को बरकरार रखा है। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक निर्णायक प्राधिकारी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कांग्रेस संचालित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन (वाईआई) की 751 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों की कुर्की को बरकरार रखा।
प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि उसका मानना है कि ईडी द्वारा कुर्क की गई चल संपत्ति और इक्विटी शेयर अपराध से अर्जित कमाई हैं और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के अपराध से संबंधित हैं। प्राधिकरण ने यह भी कहा कि कांग्रेस द्वारा संचालित एजेएल और वाईआई यह साबित करने के लिए पीएमएलए की धारा 24 के तहत सबूत देने में विफल रहे कि अपराध से अर्जित कमाई नहीं हुई है।
क्या है पूरा मामला?
ईडी ने पिछले साल नवंबर में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन (वाईआई) के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनंतिम कुर्की आदेश जारी करके इन संपत्तियों को कुर्क किया था। ‘नेशनल हेराल्ड’ एजेएल द्वारा प्रकाशित किया जाता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के बहुसंख्यक (सबसे बड़े) शेयरधारक हैं और उनमें से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं।
नेशनल हेराल्ड अखबार के मामलों की जांच में, ईडी ने पिछले साल 20 नवंबर को अस्थायी रूप से 751.9 करोड़ रुपये (661 करोड़ रुपये की अचल और 90 करोड़ रुपये के शेयर) से अधिक की संपत्ति जब्त की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि AJL की "सैकड़ों करोड़ रुपये" की संपत्तियों का नियंत्रण YI (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) के "मालिकों" को देने के लिए एक आपराधिक साजिश रची गई थी।
बता दें कि पीएमएलए के तहत, एक निर्णायक प्राधिकारी 180 दिनों के भीतर यह निर्धारित करता है कि ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं या नहीं। नाम न जाहिर करने की शर्त पर ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि कार्यवाही के दौरान, प्राधिकरण ने ईडी और एजेएल-वाईआई दोनों के वकीलों को विस्तार से सुना।
अनंतिम कुर्की की पुष्टि करने वाला एक आदेश बुधवार शाम को पारित किया गया। इसमें प्राधिकरण ने कहा कि कुर्क की गई संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। प्राधिकरण ने कहा कि ईडी ने "अपराध की आय और कुर्क की गई संपत्तियों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए" पर्याप्त रिकॉर्ड पेश किए हैं। प्राधिकरण ने पीएमएलए की धारा 24 का उल्लेख किया।
धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 24 के अनुसार, अपराध की आय के स्रोत को साबित करने की जिम्मेदारी आरोपी की होती है। पीएमएलए की धारा 24 के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है, तो अपराध की आय से प्राप्त किसी भी संपत्ति पर कानूनी अधिकार उस व्यक्ति का माना जाएगा। इसका मतलब यह है कि अभियोजन पक्ष (जैसे ईडी) को यह साबित करने की आवश्यकता नहीं है कि संपत्ति अपराध की आय से प्राप्त हुई थी। यह बोझ आरोपी पर होगा कि वह साबित करे कि संपत्ति अपराध की आय से नहीं थी।