Supreme Court Waqf Hearing Update CJI Khanna Says Delhi High Court Oberoi Hotel on Waqf Land Genuine Conern हमें बताया गया कि दिल्ली हाई कोर्ट, ओबरॉय होटल वक्फ की जमीन पर है, चिंता का विषय है: SC, India Hindi News - Hindustan
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हमें बताया गया कि दिल्ली हाई कोर्ट, ओबरॉय होटल वक्फ की जमीन पर है, चिंता का विषय है: SC

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें बताया गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट की बिल्डिंग वक्फ भूमि पर है, ओबेरॉय होटल वक्फ भूमि पर है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि सभी वक्फ बाय यूजर संपत्तियां गलत हैं। लेकिन चिंता के कुछ वास्तविक क्षेत्र भी हैं।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 16 April 2025 03:57 PM
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हमें बताया गया कि दिल्ली हाई कोर्ट, ओबरॉय होटल वक्फ की जमीन पर है, चिंता का विषय है: SC

संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद कानून बन चुके वक्फ संशोधन अधिनियिम पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। सबसे पहले चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने दो पहलुओं को रेखांकित किया। सीजेआई ने कहा कि दो पहलू हैं, जिन पर हम दोनों पक्षों से विचार करने के लिए कहना चाहते हैं। सबसे पहले, क्या हमें इसे हाई कोर्ट को सौंपना चाहिए? दूसरा, संक्षेप में बताएं कि आप वास्तव में क्या आग्रह कर रहे हैं और क्या तर्क देना चाहते हैं? दूसरा बिंदु हमें कुछ हद तक पहले मुद्दे को तय करने में मदद कर सकता है।'' सुनवाई के दौरान, दिल्ली हाई कोर्ट और ओबरॉय जैसे होटल वक्फ की जमीन पर बनने के दावे का भी सुप्रीम कोर्ट ने जिक्र किया और चिंता जताई।

'लाइव लॉ' के अनुसार, सीजेआई खन्ना ने कहा, "हमें बताया गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट की बिल्डिंग वक्फ भूमि पर है, ओबेरॉय होटल वक्फ भूमि पर है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि सभी वक्फ बाय यूजर संपत्तियां गलत हैं। लेकिन चिंता के कुछ वास्तविक क्षेत्र भी हैं।" इस दौरान, वरिष्ठ वकील सिंघवी ने अयोध्या फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इसके 118वें फैसले में कहा गया है कि यह बहुत पुरानी अवधारणा है। क्या आपने आधार हटा दिया है? 2(आर)(आई) हटा दिया गया है, लेकिन क्या आप फैसले का आधार हटा सकते हैं? व्यावहारिक रूप से देखें, 8 लाख में से 4! अगर मैं देखूं कि संसद वक्फ है, तो आपका आधिपत्य स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन अवधारणा खराब नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 25 और 26 को पढ़ने से ज्यादा अनुच्छेद 32 क्या है। यह ऐसा मामला नहीं है जहां मायलॉर्ड्स को हमें उच्च न्यायालय भेजना चाहिए।

कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान दलील रखी कि एस. 36 में, आप यूजर द्वारा बना सकते हैं, संपत्ति की कोई आवश्यकता नहीं है। मान लीजिए कि यह मेरी अपनी संपत्ति है, और मैं इसका इस्तेमाल करना चाहता हूं, मैं पंजीकरण नहीं करना चाहता। इस पर सीजेआई ने सवाल किया कि रजिस्ट्रेशन में क्या समस्या है? इस पर सिब्बल ने कहा कि मैं कह रहा हूं कि वक्फ बाय यूजर को समाप्त कर दिया गया है, यह मेरे धर्म का अभिन्न अंग है, इसे राम जन्मभूमि फैसले में मान्यता दी गई है। सिब्बल ने कहा, ''दिक्कत यह है कि वे कहेंगे कि यदि वक्फ तीन हजार साल पहले बनाया गया है तो इस पर भी डीड की मांग करेंगे।''

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केंद्र सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जेपीसी ने 38 बैठकें कीं, संसद के दोनों सदनों द्वारा इसे पारित करने से पहले 98.2 लाख ज्ञापनों की जांच की गई। इसके अलावा, संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया था और विस्तृत अभ्यास किया गया था। बता दें कि 8 अप्रैल को लागू हुए इस कानून को संसद द्वारा पारित किया गया था और 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति प्राप्त हुई थी। लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक के पक्ष में 232 वोट मिले, जबकि राज्यसभा में इस कानून के पक्ष में 128 वोट पड़े। कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, आम आदमी पार्टी, वाईएसआरसीपी, एआईएमआईएम समेत कई विपक्षी दलों और नेताओं ने वक्फ अधिनियम के खिलाफ याचिका दायर की है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे गैर-सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों ने भी इसके खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है।