Trinamool MP in Rajya Sabha demanded to honour astronaut Sunita Williams with Bharat Ratna सुनीता विलियम्स को भारत रत्न देने की मांग, राज्यसभा में गूंजा मुद्दा; 2008 में मिला था पद्मभूषण, India Hindi News - Hindustan
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सुनीता विलियम्स को भारत रत्न देने की मांग, राज्यसभा में गूंजा मुद्दा; 2008 में मिला था पद्मभूषण

  • तृणमूल सदस्य ने कहा कि तब सुनीता ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का परोक्ष संदर्भ देते हुए कहा था कि वह उनका सम्मान करती हैं।

Amit Kumar भाषा, नई दिल्लीThu, 3 April 2025 07:16 AM
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सुनीता विलियम्स को भारत रत्न देने की मांग, राज्यसभा में गूंजा मुद्दा; 2008 में मिला था पद्मभूषण

राज्यसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद धरती पर सुरक्षित वापसी के लिए नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग उठाई। हालांकि तृणमूल सदस्य ने दावा किया कि गुजरात के एक राजनीतिज्ञ सुनीता के करीबी रिश्तेदार थे। इस पर विरोध जताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तृणमूल सदस्य के कथन के इस हिस्से को कार्यवाही से हटाने की मांग की।

सुनीता की उपलब्धियों की सराहना करते हुए तृणमूल सदस्य मोहम्मद नदीमुल हक ने शून्यकाल के दौरान कहा कि 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद सुनीता 18 मार्च को सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आईं। उन्होंने कहा कि सुनीता की यह उपलब्धि सराहनीय है और पूरा भारत इस पर गर्व करता है। उन्होंने कहा कि उनकी यह उपलब्धि 1969 में स्थापित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को भी गौरवान्वित करेगी।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय मूल की सुनीता की वापसी पर कहा था कि भारत की बेटी वापस लौट आई है। हक ने कहा कि सुनीता 2007 में भारत आई थीं और तब उन्हें कई सम्मान दिए गए थे। भारत सरकार ने 2008 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि सुनीता ने कुछ समय पहले भारत आने की इच्छा जताई थी।

तृणमूल सदस्य ने कहा कि तब सुनीता ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का परोक्ष संदर्भ देते हुए कहा था कि वह उनका सम्मान करती हैं। उन्होंने कहा कि सुनीता कुछ राज्यों में गई थीं लेकिन उन राज्यों की सरकारों ने उन्हें सम्मानित नहीं किया था। हक ने कहा कि गुजरात के एक राजनीतिज्ञ सुनीता के करीबी रिश्तेदार थे। उन्होंने दिवंगत राजनीतिज्ञ का नाम भी लिया जो गुजरात में मंत्री थे और 2003 में उनकी हत्या कर दी गई थी।

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इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसी के लिए भारत रत्न की मांग करना एक अलग बात है किंतु इसमें किसी दिवंगत नेता का संदर्भ नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘उस व्यक्ति का संदर्भ देना सही नहीं है जो अब हमारे साथ नहीं हैं। ’’ उन्होंने आसन से अनुरोध किया कि तृणमूल सदस्य के कथन का वह हिस्सा सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाना चाहिए। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि जो भी हिस्सा अप्रासंगिक होगा, उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा।

तृणमूल कांग्रेस की ही सुष्मिता देव ने पेंशन भोगियों को पेंशन मिलने में विलंब का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई लोगों के लिए वृद्धावस्था में मिलने वाली पेंशन आजीवका का एकमात्र स्रोत होती है और इसके मिलने में विलंब से पेंशन भोगियों को खासी समस्या का सामना करना पड़ता है। आम आदमी पार्टी के संत बलबीर सिंह ने नदियों में प्रदूषण का मुद्दा उठाया और कहा कि इससे आम लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो रहा है।

शून्यकाल में ही बीजद के सस्मित पात्रा ने कुछ जनजातियों द्वारा बोली जाने वाली हो और मुंडारी सहित कुछ भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में डाले जाने की मांग की। इसी पार्टी की सुलता देव ने पशुओं के साथ क्रूरता का मुद्दा उच्च सदन में उठाया और सरकार से इस संबंध में कड़े कानून बनाए जाने की मांग की।