अंतरिक्ष से दिखा अद्भुत भारत : सुनीता विलियम्स
59 वर्षीय भारतीय मूल की नासा वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष से भारत के अद्भुत दृश्य साझा किए। उन्होंने हिमालय के ऊपर से गुजरे समय की खूबसूरत तस्वीरों का वर्णन किया। सुनीता और उनके सहकर्मी 286...

- भारतीय मूल की 59 वर्षीय नासा वैज्ञानिक ने प्रेसवार्ता में पूछे सवाल के दिए जवाब - कहा, हिमालय के ऊपर से गुजरे तो बुच ने अविश्वसनीय तस्वीरें लीं
- रात में पूर्व से गुजरात और मुंबई की तरफ दिखे नजारे का किया खूबसूरत वर्णन
- 286 दिनों तक अंतरिक्ष में फंसे रहने के बाद पिछले महीने पृथ्वी पर लौटी सुनीता
- इसरो अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से जल्द मुलाकात की उम्मीद
न्यूयॉर्क, एजेंसी।
वर्ष 1984 में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूछा था, “अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है”। इस पर शर्मा ने मुहम्मद इकबाल की कविता “सारे जहां से अच्छा” की पंक्तियां बोलीं। उस घटना के करीब 41 साल बाद, हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से धरती पर वापस लौटी भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स से जब ऐसा ही सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, भारत अद्भुत है, बस अद्भुत है। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष से हिमालय के लुभावने दृश्य का खूबसूरत सारांश पेश किया।
सोमवार को एक प्रेसवार्ता में विलियम्स से पूछा गया कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता था। इस पर उन्होंने कहा, भारत अद्भुत है। हर बार जब हम हिमालय के ऊपर गए, तब बुच विल्मोर ने कुछ शानदार और अविश्वसनीय तस्वीरें लीं। दिव्य दृश्य का एहसास हुआ। दरअसल, 59 वर्षीय नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता और साथी अंतरिक्ष यात्री विल्मोर कुछ ही दिन पहले स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन से 286 दिनों तक अंतरिक्ष में फंसे रहने के बाद पृथ्वी पर वापस लौटे हैं।
कुछ इन शब्दों में भारत को पिरोया
अंतरिक्ष से दिखे भारत के नजारे पर सुनीता ने कहा, मैंने पहले इसका जिक्र एक लहर की तरह किया है, जो स्पष्ट तौर पर तब हुई, जब प्लेटें टकराईं और फिर जैसे ही यह भारत में बहने लगी, यह कई-कई रंगों में होती है। मुझे लगता है कि जब आप पूर्व से गुजरात और मुंबई की तरह आते हैं तो देखते हैं कि मछली पकड़ने का बेड़ा, जो वहां तट से दूर है, यह थोड़ा संकेत देता है कि हम भारत के ऊपर हैं। इसके बाद पूरे भारत में रोशनी का नेटवर्क नजर आ रहा था, जो बड़े से छोटे शहरों तक जा रहा था। रात को इसे देखना अश्विसनीय था, जबकि दिन के समय हिमालय हमारा ध्यान खींचता था और सुकून भी देता था।
एक्सिओम मिशन को लेकर जताया उत्साह
59 वर्षीय विलियम्स ने नासा के आने वाले एक्सिओम मिशन को लेकर भी उत्साहित हैं, जिसमें चार यात्री अंतरिक्ष में जाएंगे। इनमें भारतीय वायुसेना के पायलट और इसरो अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। लखनऊ में जन्मे शुक्ला 1984 में पूर्व भारतीय वायु सेना अधिकारी राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे। विलियम्स ने कहा, यह बहुत बढ़िया है कि इस मिशन में उनके अपने गृहनगर का एक हीरो होगा, जो यह बात कर सकेगा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन कितना अद्भुत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वह जल्द ही शुभांशु से मिल सकेंगी। इस दौरान उन्होंने भारत के अंतरिक्ष मिशन की तारीफ करते हुए कहा, भारत अंतरिक्ष देशों में अपना पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। हम इसका हिस्सा बनना और मदद करना पसंद करेंगे।
उम्मीद है, जल्द अपने पिता के देश जाऊं
इस दौरान जब अंतरिक्ष साथी विल्मोर ने सुनीता से पूछा कि क्या वह अपने क्रू (चालक दल) सदस्यों को भारत की यात्रा पर अपने साथ ले जाने की योजना बना रही है, तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया, बिल्कुल ले जाने की तैयारी है। हम आपको मसालेदार भोजन खिलाएंगे, यह अच्छा रहेगा। इस दौरान उन्होंने कहा, आशा और यकीन है कि मैं अपने पिता के देश (भारत) जाऊंगी और लोगों से मिलकर अंतरिक्ष के बारे में अपने अनुभव साझा करूंगी। विलियम्स के पिता दीपक पांड्या गुजरात से थे और 1958 में अमेरिका आए थे, जहां उन्होंने क्लीवलैंड, ओहियो में मेडिसिन में अपनी इंटर्नशिप और रेजीडेंसी ट्रेनिंग की। सुनीता का जन्म जन्म ओहियो में दीपक और उर्सुलाइन बोनी पांड्या के घर हुआ था।
पीएम मोदी ने वापसी पर किया था स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विलियम्स और उनके साथी क्रू-9 सदस्यों का आईएसएस के लिए लंबे मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटने पर स्वागत किया था और कहा कि उनका अटूट दृढ़ संकल्प हमेशा लाखों लोगों को प्रेरित करेगा। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, वापस स्वागत है, क्रू9। पृथ्वी को आपकी याद आई।
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