कौन हैं जस्टिस बागची? कॉलेजियम ने की सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश, 2031 तक बन सकते हैं CJI
- अगर जस्टिस बागची नियुक्ति होती है, तो वे साल 2031 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहेंगे और मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनने की कतार में होंगे।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस जॉयमाल्या बागची को देश की सर्वोच्च अदालत में नियुक्त करने की सिफारिश की है। अगर उनकी नियुक्ति होती है, तो वे साल 2031 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहेंगे और मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनने की कतार में होंगे। कॉलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया है कि न्यायमूर्ति बागची के पास सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई बनने से पहले छह साल से अधिक का कार्यकाल होगा। 2 अक्टूबर 2031 को सेवानिवृत्त होने से पहले, वे देश के प्रधान न्यायाधीश की कुर्सी संभाल सकते हैं।
लंबा अनुभव और बेदाग छवि वाले जस्टिस जॉयमाल्या बागची
जस्टिस बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। फिर 4 जनवरी 2021 को उनका स्थानांतरण आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में हुआ, लेकिन 8 नवंबर 2021 को वे वापस कलकत्ता हाईकोर्ट लौट आए। पिछले 13 सालों में उन्होंने कई अहम मामलों में फैसले दिए और कानून के विविध क्षेत्रों में गहरी पकड़ बनाई।
कलकत्ता हाईकोर्ट से CJI बनने का मौका
कॉलेजियम के मुताबिक, 2013 में जस्टिस अल्तमस कबीर के रिटायरमेंट के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट से कोई भी जज सीजेआई नहीं बना है। जस्टिस बागची की नियुक्ति से इस परंपरा को फिर से कायम किया जा सकता है। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाईकोर्ट से सिर्फ एक ही जज हैं। अगर जस्टिस बागची की नियुक्ति होती है, तो वे 24 मई 2031 को जस्टिस केवी विश्वनाथन के रिटायरमेंट के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। हालांकि, वे सिर्फ कुछ महीनों के लिए इस पद पर रहेंगे, क्योंकि अक्टूबर 2031 में उनका खुद का रिटायरमेंट होगा।
क्यों हुई सिफारिश?
कॉलेजियम ने साफ कहा कि योग्यता, ईमानदारी और काबिलियत को ध्यान में रखते हुए यह सिफारिश की गई है। साथ ही, यह भी देखा गया कि सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को संतुलित करना जरूरी है।