हमास जैसा ही पैटर्न और मंगलवार का दिन; 22 अप्रैल को ही क्यों हुआ पहलगाम अटैक
पाकिस्तानी सैनिकों ने लगातार सातवीं रात नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और जम्मू कश्मीर के तीन सीमावर्ती जिलों के कई सेक्टर में बिना उकसावे के गोलीबारी की।

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जांच जारी है। इसी बीच खबरें हैं कि बैसरन के अलावा आतंकवादियों के निशाने पर घाटी के कई और स्थान भी थे। इसके अलावा कहा जा रहा है कि आतंकियों ने 22 अप्रैल की तारीख चुनने के पीछे भी खास वजह थी। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आतंकियों ने मंगलवार को हमला कर इसलिए चुना क्योंकि हिंदू धर्म में इस दिन का महत्व है। सेना या सरकार ने इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों के निशाने पर पहलगाम के तीन स्थान थे, जिनमें अरू घाटी और बेताब घाटी शामिल है, लेकिन अन्य दो स्थानों पर कड़ी सुरक्षा होने के चलते बैसरन का चुनाव किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, पता चला है कि आतंकियों ने हमले से पहले इलाके की 15 से 20 दिनों तक रैकी की थी। इसके अलावा आतंकवादी नियमित रूप से बैसरन घाटी में सैलानियों पर नजर रखे हुए थे। चैनल से बातचीत में सूत्रों ने कहा, 'आतंकवादियों ने स्पॉट पर भीड़ होने के समय की जानकारी भी जुटाई थी।' आगे बताया गया है कि आतंकवादियों को पहले 18 अप्रैल को हमला करने के निर्देश मिले थे।
पाकिस्तान ने लगातार सातवीं रात किया संघर्ष विराम का उल्लंघन
पाकिस्तानी सैनिकों ने लगातार सातवीं रात नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और जम्मू कश्मीर के तीन सीमावर्ती जिलों के कई सेक्टर में बिना उकसावे के गोलीबारी की, वहीं भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई का माकूल जवाब दिया। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के मध्य बढ़ते तनाव के बीच मंगलवार को भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने हॉटलाइन पर बात की थी लेकिन इसके बावजूद गोलीबारी की गई। हालांकि, भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया।