दिल्ली के अशोक विहार में करीब 1000 झुग्गियां ध्वस्त; बेघर लोगों के लिए क्या इंतजाम?
दिल्ली के अशोक विहार के जेलरवाला बाग में अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई। इस बुलडोजर कार्रवाई में करीब 1000 झुग्गियां ध्वस्त कर दी गईं।

दिल्ली के अशोक विहार के जेलरवाला बाग में सोमवार को अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधीनस्थ विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुलडोजर के तहत लगभग एक हजार झुग्गियों को ध्वस्त किया। इसमें कई झुग्गियों की जगह पर अवैध रूप से दो से तीन मंजिला इमारत बना ली गई थी। एसटीएफ में डीडीए, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस के साथ अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में दिन भर गहमागहमी का माहौल रहा।
ढाई सौ से अधिक सिपाही रहे तैनात
सुबह आठ बजे के बाद डीडीए के साथ अन्य विभाग बुलडोजर लेकर जेलरवाला बाग की झुग्गियों पर पहुंचे। दिल्ली पुलिस के साथ रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) व अन्य सुरक्षा बलों के ढाई सौ से अधिक सिपाही मौके पर दिन भर तैनात रहे। मुख्य सड़क से झुग्गियों की तरफ जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए थे। कार्रवाई के दौरान किसी को भी झुग्गियों के पास जाने की अनुमति नहीं दी गई।
इसलिए की गई कार्रवाई
डीडीए अधिकारियों ने कहा कि डीडीए की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करते हुए अतिक्रमण किया हुआ था। साथ ही रेलवे पटरी के पास रेलवे की जमीन पर भी अतिक्रमण किया गया। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई कर अवैध निर्माण की गई इमारतों को ध्वस्त किया। कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों का सहयोग लिया गया। इस कार्रवाई से पहले लोगों को लगातार नोटिस भी जारी किए गए।
डीडीए ने झुग्गी निवासियों को आवंटित किए फ्लैट
1600 से अधिक झुग्गियों अशोक विहार के जेलरवाला बाग में मौजूद थीं। डीडीए ने जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के जरिए झुग्गी वासियों के लिए फ्लैटों का निर्माण किया। इस संबंध में डीडीए अधिकारियों ने बताया कि झुग्गी वासियों के लिए पुनर्वास योजना के तहत अशोक विहार फेज-2 जेलरवाला बाग में डीडीए ने स्वाभिमान अपार्टमेंट का निर्माण किया है। जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के जरिए डीडीए ने इस जगह पर 400 वर्ग फुट क्षेत्र में 1675 ईडब्ल्यूएस फ्लैट का 421.81 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया।
दिया जा रहा आसियान
इस योजना के तहत झुग्गी वासियों को आसियाना दिया जा रहा है। अब तक यहां के झुग्गी वासियों को एक हजार से अधिक ईडब्ल्यूएस फ्लैट आवंटित किए जा चुके हैं। बाकी को भी समयबद्ध तरीके से फ्लैट आवंटित किए जाएंगे। प्रति फ्लैट के निर्माण पर 25 लाख रुपये खर्च हुए हैं। डीडीए की झुग्गी वासियों की पुनर्वास योजना के अनुरूप पात्र लाभार्थी को कुल राशि का सात फीसदी से कम भुगतान ही करना होगा। इसमें झुग्गी वासियों को एक लाख 42 हजार रुपये और रखरखाव के पांच साल के लिए 30 हजार रुपये की राशि शामिल हैं।
लिस्ट में होना चाहिए नाम
डीडीए प्रशासन ने कहा कि झुग्गियों के परियोजना के तहत तत्कालीन दिल्ली सरकार ने वर्ष 2015 में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) की पुनर्वास योजना नीति को स्वीकृति दी थी। इस नीति के अनुसार इन झुग्गियों में रहने वाले निवासी व जिन परिवारों का नाम वर्ष 2012, 2013, 2014 और 2015 (एक जनवरी 2015 से पहले) की मतदाता सूचियों में से किसी एक में है और उनके पास नीति में निर्धारित 12 दस्तावेजों में से एक जैसे पासपोर्ट, बिजली बिल, ड्राइविंग लाइसेंस, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक/डाकघर द्वारा जारी पासबुक आदि हैं। वे वैकल्पिक आवास के लिए पात्र हैं। उनका नाम सर्वेक्षण वर्ष की मतदाता सूची में भी होना चाहिए।
567 अयोग्य निवासी दायर करें अपील : डीडीए
डीडीए ने आगे कहा कि इस नीति के तहत डीडीए ने स्वाभिमान अपार्टमेंट में एक कमरे के ईडब्ल्यूएस फ्लैट 1078 पात्र परिवारों को आवंटित किए। इसके अलावा 567 अयोग्य निवासी, जिन्हें नियमों के तहत फ्लैट आवंटित नहीं हुए। वह सेवानिवृत जिला व सत्र न्यायाधीश के अधीन डीडीए द्वारा गठित अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं। उन्हें अवसर दिया गया ह। कई झुग्गी निवासी झुग्गियों का उपयोग व्यावसायिक रूप से करने लग गए थे। इसमें कई झुग्गी निवासियों के पास एक जनवरी 2015 से पहले अलग राशन कार्ड नहीं है। वह स्वाभिमान अपार्टमेंट में वैकल्पिक आवंटन के पात्र नहीं है।
पहले भी हो चुका है ऐक्शन
1- इससे पहले विशेष टास्क फोर्स ने जंगपुरा के मद्रासी कैंप में एक जून को बड़ी कार्रवाई करते हुए 370 झुग्गी-झोपड़ियों को ध्वस्त किया था। इस कार्रवाई को अदालत के आदेश के तहत किया था। उस दौरान अधिकारियों ने कहा था कि जंगपुरा में बारापुला नाला के पास अवैध झुग्गियों के बनने के कारण यह संकरा हो गया था। इस कारण नाले की साफ-सफाई नहीं हो पा रही थी।
2- डीडीए ने विभिन्न विभागों के साथ मिलकर 11 जून को दिल्ली के कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। इसमें अदालत के आदेश के तहत अवैध तरीके से बनाई गई झुग्गियों को बुलडोजर से ध्वस्त किया। इसमें लोगों को नोटिस का समय अवधि खत्म होने के बाद तोड़फोड़ शुरू की गई है।
डीडीए की कार्रवाई पर सवाल
डीडीए की कार्रवाई पर पीड़ित संजय ने कहा कि मैं दो दशक से अशोक विहार जेलरवाला बाग की झुग्गियों में रह रहा हूं। मेरा आधार कार्ड, वोटर कार्ड यहां का बना हुआ है। मैंने सभी दस्वातेज डीडीए के समक्ष जमा कराए। लेकिन मुझे अब तक स्वाभिमान अपार्टमेंट में फ्लैट आवंटित नहीं हुआ। मंजू ने कहा कि मैं और मेरे साथ कई अन्य निवासी जो लंबे समय तक यहां पर रह रहे हैं। इसमें झुग्गी निवासियों ने आदालत जाकर तोड़फोड़ के कार्रवाई के खिलाफ स्टे ले लिया था, जिसके बाद इन पर डीडीए ने कार्रवाई नहीं की। उच्च न्यायालय ने लगभग 250 अयोग्य झुग्गीवासियों को ध्वस्त करने पर रोक लगा दी है।