जितने दिन प्रदूषण फैलाया, उतना जुर्माना... दिल्ली में CQAM का खास प्लान
दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वालों पर नकेल कसने की तैयारी हो रही है। ऐसे उद्योग और संस्थानों के खिलाफ जुर्माने के नए नियम बनाए गए हैं।

पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों की अब खैर नहीं... केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने प्रदूषण फैलाने वालों पर नकेल कसने के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया है। अब उद्योग और संस्थानों को प्रदूषण के नियम तोड़ने की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। जुर्माना तय करने के लिए पांच खास आधार बनाए गए हैं, जो पर्यावरण को होने वाले नुकसान को ठीक करने की दिशा में बड़ा कदम है।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती चिंता
इसके अलावा, जुर्माने की राशि तय करने के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर, लोकेशन व अन्य आधार को शामिल किया गया है। दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण एक बड़ी समस्या के तौर पर मौजूद है। खासतौर पर जाड़े के मौसम में इस पूरे क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति सबसे ज्यादा भयावह हो जाती है। इसके चलते पूरे इलाके में प्रदूषण नियंत्रण के लिए अलग-अलग समय पर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन, इनका उल्लंघन करके प्रदूषण फैलाने की घटनाएं भी लगातार सामने आती रही हैं।
प्रदूषण की गणना का अनोखा तरीका
इसे देखते हुए आयोग ने प्रदूषण करके पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के मामलों में जुर्माने का आधार तय किया है। आयोग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि संबंधित क्षेत्र में प्रदूषण इंडेक्स (पीआई), जितने दिनों तक प्रदूषण नियमों का उल्लंघन किया गया (एन), रुपयों में इसकी गणना (आर), किस पैमाने पर उद्यम का संचालन (एस) किया गया और उपरोक्त उद्यम या संस्थान की लोकेशन (एलएफ) क्या है।
किसी उद्यम ने पर्यावरण को कितनी क्षति पहुंचाई है, इसका निर्धारण इन सभी समीकरणों के गुणनफल से तय किया जाएगा। इसमें रुपये के फैक्टर को अलग-अलग श्रेणी की उद्यम व संस्थानों के लिए 300 से लेकर 100 रुपये तक रखा गया है।