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7 मिनट में चुरा लेते थे कार, दिल्ली में कार चोर फैमिली गैंग का भंडाफोड़; 10 महीने में 25 गाड़ियां चुराईं

दिल्ली पुलिस ने एक फैमिली गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो कार चुराने में माहिर हैं। इस गैंग में शामिल बाप, बेटे और दामाद 7 मिनट से भी कम समय में गाड़ी चुरा लेते थे। इन लोगों ने पिछले 10 महीनों में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों से दो दर्जन से अधिक कारें चुराई हैं।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, नई दिल्लीSat, 14 June 2025 02:53 PM
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7 मिनट में चुरा लेते थे कार, दिल्ली में कार चोर फैमिली गैंग का भंडाफोड़; 10 महीने में 25 गाड़ियां चुराईं

दिल्ली पुलिस ने एक फैमिली गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो कार चुराने में माहिर हैं। इस गैंग में शामिल बाप, बेटे और दामाद 7 मिनट से भी कम समय में गाड़ी चुरा लेते थे। इन लोगों ने पिछले 10 महीनों में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों से दो दर्जन से अधिक कारें चुराई हैं। इनमें से ज्यादातर गाड़ियां आवासीय कॉलोनियों में जिम और पार्कों के पास पार्क की जाती थीं।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि एक परिवार द्वारा चलाए जा रहे वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। 56 साल के रमन, 31 साल के उनके बेटे सागर और 29 साल के उनके दामाद नीरज ने कथित तौर पर पिछले कुछ महीनों में दिल्ली और पड़ोसी राज्यों से दो दर्जन से अधिक कारें चुराई थीं।

द्वारका के डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि तीनों ने मिलकर एक गिरोह बनाया, जिसमें केवल परिवार के लोग शामिल थे। गैंग का सरगना रमन ने किसी अन्य को इसलिए शामिल नहीं किया ताकि विश्वासघात न हो सके और इसकी जानकारी बाहर न जा सके।

डीसीपी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह गिरोह कथित तौर पर महंगी गाड़ियां चुराने में माहिर है। यह गिरोह मुख्य रूप से मारुति ब्रेजा, स्विफ्ट डिजायर, हुंडई क्रेटा और टोयोटा फॉर्च्यूनर मॉडल की गाड़ियां चुराता था। इनमें से ज्यादातर गाड़ियां आवासीय कॉलोनियों में जिम और पार्कों के पास पार्क की जाती थीं।

लेटेस्ट डिवाइस का उपयोग करके गिरोह कार के सुरक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय कर देता था और फिरऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक्स (OBD) पोर्ट के साथ छेड़छाड़ करता था। पुलिस ने कहा कि अक्सर 7 मिनट से भी कम समय में ये लोग कार चुरा लेते थे।

28 मई को मिली सूचना के आधार पर टीम ने उत्तम नगर में चोरी की गई एक गाड़ी को रोका और उसमें सवार रमन और सागर को गिरफ्तार कर लिया। इंजन और चेसिस नंबर की जांच करने पर पता चला कि कार केशवपुरम इलाके से चोरी की गई थी।

उन्होंने बताया कि वाहन के अंदर से पुलिस ने वाहन चोरी में इस्तेमाल होने वाले कई डिवाइस और गैजेट बरामद किए। इनमें कार स्कैनर, चाबी कनेक्टर, एक ईसीएम डिवाइस, लॉक तोड़ने वाले उपकरण, वायर कटर, प्लायर्स, डुप्लीकेट चाबियां और नंबर प्लेट शामिल हैं।

आरोपियों ने एक बड़े ऑटो-लिफ्टिंग रैकेट का हिस्सा होने की बात कबूल की, जिसमें रमन का दामाद नीरज भी शामिल था। खुलास के बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने चोरी की दो और कारें बरामद कीं।

आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पिछले 10 महीनों में 20 से 25 वाहन चुराए हैं। उन्होंने बताया कि वे अक्सर एक चोरी की कार का इस्तेमाल दूसरे वाहन को चुराने के लिए करते थे, ताकि पुलिस की पकड़ से बच सकें और पुलिस को भ्रमित कर सकें। बाद में इन वाहनों को उत्तर प्रदेश के मेरठ में अवैध रिसीवरों को बेच दिया गया।

पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार किए गए तीनों लोग आदतन अपराधी हैं, जिनमें रमन पहले 18 आपराधिक मामलों में शामिल था। सागर 12 मामलों में और नीरज 14 मामलों में शामिल था।