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ED की याचिका का दें जवाब, दिल्ली HC ने केजरीवाल, के कविता को क्यों दिया यह आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर अरविंद केजरीवाल और बीआरएस नेता के कविता सहित कई आप नेताओं से जवाब मांगा है। ईडी ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है

Sneha Baluni नई दिल्ली। पीटीआईWed, 4 Dec 2024 02:12 PM
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ED की याचिका का दें जवाब, दिल्ली HC ने केजरीवाल, के कविता को क्यों दिया यह आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर अरविंद केजरीवाल और बीआरएस नेता के कविता सहित कई आप नेताओं से जवाब मांगा है। ईडी ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसे शराब नीति से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपियों को 'अविश्वसनीय दस्तावेज' मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने ईडी की याचिका और मामले में स्थगन के लिए उसके आवेदन पर सभी 40 आरोपियों को नोटिस जारी किए।

अब हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अगले साल 30 जनवरी को करेगी। इस मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल के अलावा पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप राज्यसभा सांसद संजय सिंह और कई कारोबारी भी आरोपी हैं। नवंबर में, निचली अदालत ने ईडी को मामले के आरोपी व्यक्तियों को चार्जशीट और बचे हुए 'अविश्वसनीय दस्तावेजों' (जिनका उपयोग अभियोजन पक्ष द्वारा मामले का सपोर्ट करने के लिए नहीं किया गया है) के डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।

ईडी के वकील ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने दस्तावेजों की जांच के स्टेज में ईडी को निर्देश दिया था कि वह आरोपियों को ऐसे दस्तावेज मुहैया कराए जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वकील ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, इस स्टेज पर केवल ऐसे दस्तावेजों की सूची दी जा सकती है जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता, न कि दस्तावेज। हाईकोर्ट को बताया गया कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष मामले की सुनवाई 21 दिसंबर को होनी है।

सीबीआई और ईडी के अनुसार, शराब नीति में संशोधन करते समय कथित तौर पर अनियमितताएं बरती गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की थी। हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सितंबर 2022 के अंत तक इसे वापस ले लिया था। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश करने को लेकर दर्ज किए गए सीबीआई केस के बाद सामने आया।