कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच में कई खामियां,दिल्ली पुलिस को हाई कोर्ट की फटकार
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि अदालत ने मार्च में ही जांच में कमियों को उजागर किया था और आगे की जांच का आदेश दिया था। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि बार-बार आदेश दिए जाने के बावजूद, दिल्ली पुलिस ने लापरवाही वाले रवैये के साथ उनका पालन नहीं किया।

दिल्ली सरकार के नए कानून मंत्री कपिल मिश्रा के पद संभालते ही 2020 का उनका पुराना विवादित पोस्ट गले पड़ गया। साल 2020 में दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ शाहीन बाग आंदोलन के बारे में कपिल मिश्रा के पोस्ट को लेकर जांच चल रही है। आज दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस मामले में फटकार लगाई है। कोर्ट ने पाया कि पुलिस की कपिल मिश्रा के की गई जांच में कई खामियां थीं,अत:यह विफल रही।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि अदालत ने मार्च में ही जांच में कमियों को उजागर किया था और आगे की जांच का आदेश दिया था। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि बार-बार आदेश दिए जाने के बावजूद, दिल्ली पुलिस ने लापरवाही वाले रवैये के साथ उनका पालन नहीं किया।
अदालत ने कहा,"जांच एजेंसी की ओर से आगे की जांच के निर्देशों का पालन करने के लिए कोई मौजूद नहीं है। और इस अदालत के निर्देशों के प्रति जांच एजेंसी के लापरवाह रवैये पर कोई सख्त टिप्पणी करने से पहले यह अदालत दिल्ली पुलिस के योग्य पुलिस आयुक्त के संज्ञान में मामलों की स्थिति और जांच एजेंसी की ओर से अपर्याप्त स्पष्टीकरण लाने के लिए विवश है।"
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने पुलिस पर इस बात के लिए जोर दिया कि वे कम से कम चार्जशीट का संबंधित सामग्री तो हासिल करें,जैसा कि एक साल से भी पहले निर्देश दिया गया था। अदालत ने आगे टिप्पणी की,"यह भी सुझाव दिया जाता है कि यदि किसी अन्य मंत्रालय की सहायता की आवश्यकता है,तो इस अदालत की राय में दिल्ली पुलिस पर्याप्त रूप से तैयार है और इसका सहारा लेने से हिचकिचाएगी नहीं।"
अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की है और उत्तरी रेंज के संयुक्त आयुक्त को जरूरी कार्रवाई करने को कहा है,क्योंकि अदालत ने पाया कि उनका कार्यालय मौजूदा स्थिति से भली-भांति परिचित है। 2020 में कपिल मिश्रा के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह मामला उनके एक ट्वीट के बाद दर्ज हुआ था,जिसमें उन्होंने लिखा था:"AAP और कांग्रेस शाहीन बाग जैसे मिनी पाकिस्तान बना रहे हैं;8 फरवरी को हिंदुस्तान खड़ा होगा,जब-जब देशद्रोही भारत में पाकिस्तान खड़ा करेंगे,तब-तब देशभक्तों का हिंदुस्तान खड़ा होगा।" उन्होंने मीडिया चैनलों को कुछ बयान भी दिए थे।
मिश्रा पर भारत के नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और वैमनस्य पैदा करने का आरोप है। उनके खिलाफ 2023 में ही आरोपपत्र दायर किया गया था। इस साल मार्च में ट्रायल कोर्ट ने जांच में कुछ महत्वपूर्ण कमियों को उजागर किया था और आगे की जांच का निर्देश दिया था। अदालत ने निर्देश दिया था,"मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए,यह अनिवार्य है कि संबंधित पुलिस उपायुक्त जांच की निगरानी करें।" राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक चिरंजीत सिंह पेश हुए। वरिष्ठ अधिवक्ता पवन नारंग के साथ अधिवक्ता नीरज और हिमांशु सेठ मिश्रा की ओर से पेश हुए।