Delhi Police constable and 2 others arrested for kidnapping and extorting businessmen दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल कारोबारियों के अपहरण व वसूली में गिरफ्तार, किन लोगों को बनाता था शिकार?, Ncr Hindi News - Hindustan
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दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल कारोबारियों के अपहरण व वसूली में गिरफ्तार, किन लोगों को बनाता था शिकार?

दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल ने कथित तौर पर अपने साथियों के साथ ख्याला इलाके से कारोबारियों का अपहरण कर लिया। इसके बाद उन्हें फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर 96 हजार रुपये भी वसूल लिए। पीड़ित जब अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटे तो पुलिस को इसकी सूचना दी।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमंत कुमार पांडेयSat, 5 April 2025 05:34 AM
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दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल कारोबारियों के अपहरण व वसूली में गिरफ्तार, किन लोगों को बनाता था शिकार?

दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल ने कथित तौर पर अपने साथियों के साथ ख्याला इलाके से कारोबारियों का अपहरण कर लिया। इसके बाद उन्हें फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर 96 हजार रुपये भी वसूल लिए। पीड़ित जब अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटे तो पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी कॉन्स्टेबल को दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि कॉन्स्टेबल आशीष वर्तमान में मध्य जिला की पुलिस लाइन में तैनात है। आशीष की गिरफ्तारी की सूचना संबंधित जिले में दे दी गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिरसा का रहने वाला सागर पेशे से कारोबारी है। उसे पुरानी कार खरीदनी थी, इसलिए अपने दोस्त आरजू कुमार के साथ 2 अप्रैल की सुबह पश्चिम विहार स्थित होटल में पहुंचा। एफआईआर के अनुसार आरजू सुबह 7 बजे होटल से ख्याला स्थित मछली मार्केट चला गया। यहीं पर कार सवार चार युवकों ने उसे रोका। एक ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उसे जबरन कार में बैठा लिया।

आरोपियों ने फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी : आरजू ने बताया कि कार में बैठे शख्स एक दूसरे के नाम से बुला रहे थे। इसमें आशीष कार चला रहा था। वह लोग आरजू को लेकर सीधे होटल गए और उसके दोस्त सागर को भी जांच के नाम पर अपने साथ ले लिया।

अपहरणकर्ता दोनों दोस्तों को कार में बैठाकर इलाके में घुमाते रहे। फिर पीड़ितों के फोन और इनके पास रखे 96 हजार रुपये नकदी छीन ली। आशीष ने कहा कि वह पुलिस से है और किसी से शिकायत की तो फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेज देगा। अपहर्ताओं ने मधुबन चौक के पास दोनों को नीचे उतार दिया। फिर ऑटो चालक को किराया दिया और कश्मीरी गेट उतारने को कहा, लेकिन दोनों युवक अपने होटल पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पश्चिम विहार वेस्ट थाने से पुलिसकर्मी पहुंचे और जांच शुरू की। पुलिस ने सिलसिलेवार तरीके से कड़ियां जोड़ीं।

सीसीटीवी फुटेज में कार के नंबर से पकड़े गए आरोपी

पश्चिम विहार वेस्ट पुलिस ने पीड़ित द्वारा बताए गए समय के आधार पर फुटेज की जांच की। इसमें अपहरण में प्रयुक्त कार का रजिस्ट्रेशन नंबर मिल गया। यह कार दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल आशीष की थी जो अपहरण के समय चालक बना हुआ था। पश्चिम विहार वेस्ट पुलिस ने आशीष को रोहिणी स्थित घर से दबोच लिया। चूंकि आरजू का अपहरण ख्याला इलाके में हुआ था, इसलिए पश्चिम विहार थाने ने आरोपी आशीष, उसकी कार और पीड़ित को संबंधित थाने में सौंप दिया। फिर आरजू की शिकायत पर अपहरण और वसूली की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने आशीष के साथी कमल और टिंकू को भी गिरफ्तार कर लिया।

मुखबिरों की सहायता से ड्रग्स तस्करों को निशाना

पूछताछ में मालूम हुआ है कि आशीष ड्रग्स तस्करों की मुखिबरी करने वालों के साथ मिला हुआ था। वह इन मुखबिरों की सहायता से ड्रग्स तस्करी करने वालों का अपहरण कर वसूली करता था। फिर इन्हें छोड़ देता था। बताया जाता है कि आरजू और सागर का अपहरण भी इसीलिए किया था।