जगह की कमी के चलते नहीं बन सकेगा हेलीपैड
फरीदाबाद के बीके अस्पताल में हेलीपैड नहीं बन पाएगा क्योंकि पीडब्ल्यूडी ने जगह की कमी बताई है। सरकार ने 14 जिलों में ट्रॉमा केयर सेंटर बनाने का निर्णय लिया है, जिसमें बीके अस्पताल भी शामिल है। अस्पताल...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता स्मार्ट सिटी के सरकारी बीके अस्पताल में जगह के अभाव में हेलीपैड नहीं बन पाएगा। पीडब्ल्यूडी को बीके अस्पताल परिसर में हेलीपैड के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिली है। इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाकर स्वास्थ्य विभाग के सौंप दी है। स्वास्थ्य विभाग रिपोर्ट को जल्द ही निदेशालय के उच्च अधिकारियों को भेजेगा। सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित प्रदेश के 14 जिलों में ट्रॉमा केयर सेंटर बनाने का फैसला किया है। इस योजना में फरीदाबाद भी शामिल है। बीके अस्पताल में 10 आईसीयू बेड का ट्रॉमा केयर सेंटर बनाया जाएगा।इसके अलावा सात से आठ बेड का ट्राईएज सेंटर बनाया जाना है। इसमें रोगियों को गंभीरता के आधार पर वर्गीकृत कर उपचार एवं परिवहन सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। बीके अस्पताल में ट्रॉमा केयर सेंटर बनने के बाद चिकित्सा सुविधाएं भी बढ़ेंगी। इससे आने वाले समय में मरीजों की संख्या बढ़ने की भी संभावना है।आपात परिस्थितियों में अन्य राज्यों एवं जिलों से रोगियों को भी रेफर किया जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए बीके अस्पताल में हेलीपैड बनाने का भी फैसला लिया गया था। इसके लिए एक करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया गया था। पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी की टीम ने बीके अस्पताल का मौका मुआयना किया था। बीके अस्पताल में 200 बेड का एमसीएच (मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ) यूनिट बनाई जानी है। इसका निर्माण मई में शुरू हो सकता है। इसके चलते बीके अस्पताल में पर्याप्त जगह नहीं बचेगी। पीडब्ल्यूडी ने हेलीपैड के लिए मौका मुआयना किया था। इसमें पर्याप्त जगह नहीं पाई है। स्वास्थ्य अधिकारी उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजने से एक बार फिर से पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बुलाकर हेलीपैड के लिए संभावनाएं तलाशेंगे।
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पीडब्ल्यूडी ने अपनी फिजिबिलिटी रिपोर्ट में हेलीपैड नहीं बनने की बात कही है। स्वास्थ्य निदेशालय के उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजने से पूर्व एक बार फिर से पीडब्ल्यूडी की टीम को बुलाकर हेलीपैड के लिए संभावनाओं को तलाशेंगे। इसके अलावा ट्राईएज एवं अन्य निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी की टीम ने निरीक्षण किया है। उसका एस्टीमेट भी जल्द ही तैयार होगा।
-डॉ. एमपी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
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