स्टाफ की कमी डेंगू से निपटने में चुनौती, 78 प्रतिशत पद रिक्त
फरीदाबाद में स्वास्थ्य विभाग के 78 प्रतिशत स्टाफ की कमी है, जो डेंगू से निपटने में बड़ी चुनौती बन गई है। मानसून से पहले मच्छरों की ब्रीडिंग को रोकने के लिए स्टाफ की आवश्यकता है, लेकिन नई भर्ती नहीं हो...

फरीदाबाद। जिला स्वास्थ्य विभाग पास स्टाफ कमी डेंगू से निपटना एक बड़ी चुनौती बन गया है। विभाग के 78 प्रतिशत स्टाफ रिक्त है। इसमें चिकित्सा अधिकारी से लेकर अन्य स्टाफ के पद लंबे समय से रिक्त हैं। प्रदेश सरकार ने जिला मलेरिया विभाग में 296 पदों को स्वीकृत किया है। इनमें से मात्र 66 लोग की कार्यरत हैं, जबकि 230 रिक्त हैं। दो महीने बाद मानसून सक्रिय हो जाएगा और स्मार्ट सिटी में बारिश के पानी की निकासी एक बड़ी समस्या है। पार्कों, खुले मैदानों सहित विभिन्न जगहों पर पानी कई दिनों तक भरा रहता है। यह पानी डेंगू एवं मलेरिया के मच्छरों के लिए उपयुक्त होता है।
मानसून के दौरान स्मार्ट सिटी में मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है। यह मच्छर जिलेवासियों को डेंगू और मलेरिया के पीड़ित करते हैं। मच्छरों की ब्रीडिंग को रोकने और उनके लार्वा को समाप्त करने के लिए स्टाफ की आवश्यकता होती है, जो कि स्वास्थ्य विभाग के पास लंबे समय से नहीं है। बताया जा रहा है। कर्मचारी के सेवानिवृत होने के बाद उसके स्थान पर नई भर्ती नहीं की जा रही है। इसके चलते लगातार स्टाफ कम होता जा रहा है। इन स्टाफ की है कमी स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सहायक चिकित्सा अधिकारी व एसएमआई का एक-एक पद स्वीकृत है, लेकिन वह रिक्त हैं। इसी प्रकार 29 एमपीएचएस में से 18 ही कार्यरत हैं, जबकि 11 खाली हैं। इसके अलावा 134 एमपीएचडब्ल्यू में से 27 कार्यरत और 107 पद रिक्त हैं। वहीं लैब टेक्नीशियन के सात पद स्वीकृत हैं और तीन भरे हैं और चार खाली हैं। इसके अलावा इंसेक्ट कलेक्टर के चारों पद रिक्त हैं। 117 फील्ड वर्कर्स पदों में से 15 भरे हैं, जबकि 102 रिक्त हैं। जिले में पर्याप्त अभियान नहीं चल पाता फरीदाबाद की करीब 35 लाख आबादी है और करीब सात लाख घर है। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयां भी हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी इनकी जांच में उलझकर रह जाते हैं। वह स्टाफ की कमी की वजह से ऐसे स्त्रोतों तक नहीं पहुंच पाते, जहां वास्तविकता में मच्छरों के लार्वा पनप रहे होते हैं। सीमित संसाधनों में हम बेहतर काम कर रहे हैं। चार-पांच सालों से स्थिति नियंत्रण में हैं। सरकार को पत्र लिखकर लगातार स्टाफ की मांग की जाती है। इसके अलावा सरकार ने मानसून से पहले भी अनुबंध के आधार पर स्टाफ उपलब्ध कराती है। उनके सहयोग से भी डेंगू पर नियंत्रण पाने में सफल रहते हैं। -डॉ. रामभगत, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी
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