जेईई एडवांस्ड का परिणाम जारी होने पर आईआईटी में दाखिले की दौड़ शुरू
फरीदाबाद में जेईई एडवांस्ड के परिणाम के बाद छात्रों में IIT में दाखिले की होड़ मची है। कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को प्राथमिकता दी जा रही है। छात्रों ने मॉक टेस्ट को तैयारी में सहायक...

फरीदाबाद। जेईई एडवांस्ड का परिणाम जारी होने के बाद अब आईआईटी (इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलाजी )से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले की दौड़ शुरू हो गई है। अब छात्र अपनी रुचि के अनुसार आईआईटी की तलाश करने में जुट गए है। अखिल भारतीय स्तर परआने वाले छात्र एवं छात्राएं कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं और दिल्ली व मुंबई आईआईटी छात्रों की पहली पंसद है। इसके अलावा यदि किसी छात्र को कंप्यूटर साइंस में दाखिला नहीं मिलता है तो वह पांच वर्ष और एमएनसी (मैथेमैटिक्स इन कंप्यूटिंग) करने को भी तैयार हैं। शहर में करीब 200 से ज्यादा विद्यार्थियों ने एडवांस्ड की परीक्षा पास की है।
मॉक टेस्ट ने राह आसान की: मॉक टेस्ट ने जेईई एडवांस्ड की तैयारी में बहुत सहयोग किया है। प्रतिदिन एक मॉक टेस्ट देता था। मॉक टेस्ट टाइम मैनेजमेंट, मानसिक तनाव को कम करने में काफी सहयोग करते थे। मेरे दादा आनंद गर्ग का सपना था कि इंजीनियर बनूं। उनके सपने को पूरा करने प्रयास किया है। कंप्यूटर इंजीनियर करना चाहता हूं। जेईई एडवांस्ड में 1002 स्थान प्राप्त किया है। इसके आधार पर देश के टॉप सात आईआईटी में दाखिला आसानी से मिल जाएगा। -सुहान गर्ग, जेईई एडवांस्ड में सफल अभ्यर्थी ----------- रिवीजन और मॉक टेस्ट सबसे आवश्यक मेरे पिता राजेश लांबा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उनके से ही इंजीनियर बनने की प्रेरणा मिली। उन्होंने काफी सहयोग किया। वह रिसर्च करके प्लान तैयार करते थे और उन्होने काफी अच्छा मार्गदर्शन किया। जेईई एडवांस्ड निकालने के लिए मॉक टेस्ट और रिवीजन बहुत ही आवश्यक है। मॉक टेस्ट अनुभव प्रदान करते हैं। रिवीजन तैयारी को मजबूत बनाता है। दिल्ली आईआईटी से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियर करना चाहती हूं। यदि दाखिला नहीं मिलता है तो वर्षीय कंप्यूटर साइंस का कोर्स करूंगी। इसके एमएनसी(मैथमैटिक्स इन कंप्यूटिंग) करूंगी। - वाणी लांबा, जेईई एडवांस्ड सफल अभ्यर्थी --------- रैंक नहीं गलतियों पर ध्यान दें: एक छात्र के लिए अध्यापक और अभिभावक अच्छे मार्ग दर्शक होते हैं। अध्यापकों द्वारा दिए गए कार्य को समय पर पूरा करें और उसकी जांच अवश्य करवाएं। एक विद्यार्थी को रैंक की बजाय अपनी गलतियों को सुधारने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। अधिक से अधिक मॉक टेस्ट दें। उससे गलतियों का पता चलेगा। इसके अलावा अपनी प्राथमिकताओं का तय करना आवश्यक। 685 रैंक प्राप्त करने पर प्रसन्न हूं। शायद दिल्ली आईआईटी में कंप्यूटर साइंस में आसानी से दाखिला मिल जाएगा - अनुवेशा सिंह, जेईई एडवांस्ड सफल अभ्यर्थी ----------- समय पर काम पूरा करना आवश्यक नौंवी के बाद से ही स्कूल में ही जेईई की तैयारी शुरू करा दी गई थी। जेईई एडवांस्ड में अखिल भारतीय स्तर पर 451वां स्थान आने का श्रेय गुरुजनों को जाता है। उनके मार्गदर्शन के बिना संभव नहीं थी। शुरुआत में कोचिंग की थी, लेकिन अच्छा मार्गदर्शन मिलने की वजह से छोड़ दी। गणित और विज्ञान में रुचि होने की इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाने का फैसला किया। स्कूल से जो भी काम दिया जाए उसे समय पर करना चाहिए। इसके अलावा नियमित रूप से स्कूल जाना और अपनी विषय संबंधी दुविधाओं को अध्यापक से संपर्क करके दूर करना चाहिए। प्रतिदिन का पाठ्यक्रम निर्धारित होना चाहिए। उसे अगले दिन पूरा करने पर नहीं छोड़ना चाहिए। कंप्यूटर साइंस से इंजीनियर करना चाहता हूं। आसानी से देश के अच्छी आईआईटी में दाखिला मिल जाएगा। अपने परिवार से पहला इंजीनियर बनूंगा। -चैतन्य गर्ग, जेईई एडवांस्ड सफल अभ्यर्थी ------------ बच्चों पर विश्वास और प्रोत्साहन आवश्यक प्रत्येक अभिभावक को अपने बच्चे पर विश्वास होना आवश्यक है। इससे बच्चे को प्रोत्साहन मिलता है। मेरे बेटे विनम्र जैन ने जेईई एडवांस में 476वां स्थान प्राप्त किया है। मेरे पति वर्धमान जैन एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उन्होंने भी जेईई एडवांस्ड की तैयारी में काफी सहयोग किया है। इसके अलावा समय के साथ बच्चों में काफी बदलाव आया है। अब बच्चे स्वयं पढ़ते हैं। उन्हें बार-बार पढ़ने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं होती। उनमें अच्छे की करियर की ललक रहती है। -नीतू जैन, अभिभावक ------------ जेईई एडवांस्ड की तैयारी के लिए अत्यधिक मेहनत करने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा स्थिरता बहुत ही आवश्यक है। बच्चे को अपने अध्यापक पर विश्वास होना चाहिए। उनकी बताई गई बातों का अच्छा पालन होना चाहिए। इसके अलावा सही स्टडी मटीरियल व बच्चे को जेईई एडवांस्ड के अनुकूल वातावरण देना बहुत ही आवश्यक है। यह आवश्यक नहीं कि जेईई एडवांस के लिए 10-12 घंटे पढ़े। जितने भी घंटे पढ़े, मन लगाकर पढ़े। छात्र में किसी तरह का भटकाव नहीं होना चाहिए और नियमित पढ़ाई आवश्यक है। -प्रफुल्ल कुमार अग्रवाल, अध्यापक -- फोन और सोशल मीडिया से दूरी जरूरी: शिक्षाविद डॉ. राजेश छात्रा कहते हैं कि जेईई एडवांस्ड जैसी परीक्षा को पास करने वाले विद्यार्थियाें के लिए पूरे दो साल सोशल मीडिया और मोबाइल फोन से दूर रहना बेहद जरूरी है। सोशल मीडिया से ध्यान भटकता है। इस वजह से अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को मोबाइल फोन न दें। विद्यार्थियों का सोशल मीडिया अकाउंट भी नहीं होना चाहिए।सोशल मीडिया, मोबाइल फोन से दूरी रखने पर सफलता की उम्मीद दोगुनी बढ़ जाती है।
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