Ghaziabad Police arrests professor for taking VIP protocol by posing as Fake Oman High Commissioner ओमान का हाई कमिश्नर बन VIP प्रोटोकॉल लेने वाला प्रोफेसर गिरफ्तार, 4 यूनिवर्सिटी में रह चुका है VC, Ncr Hindi News - Hindustan
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ओमान का हाई कमिश्नर बन VIP प्रोटोकॉल लेने वाला प्रोफेसर गिरफ्तार, 4 यूनिवर्सिटी में रह चुका है VC

ओमान का हाई कमिश्नर बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल लेने वाले एक प्रोफेसर को गाजियाबाद की कौशांबी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किया गया आरोपी चार विश्विद्यालयों का कुलपति रह चुका है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, गाजियाबाद। योगेंद्र सागरThu, 13 March 2025 04:38 PM
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ओमान का हाई कमिश्नर बन VIP प्रोटोकॉल लेने वाला प्रोफेसर गिरफ्तार, 4 यूनिवर्सिटी में रह चुका है VC

ओमान का हाई कमिश्नर बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल लेने वाले एक प्रोफेसर को गाजियाबाद की कौशांबी थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किया गया आरोपी चार विश्विद्यालयों का कुलपति रह चुका है। वर्तमान में वह इंडिया जीसीसी ट्रेड काउंसिल नाम की एनजीओ से जुड़ा हुआ था, लेकिन वह खुद को जीसीसी (गल्फ कंट्रीज काउंसिल) से बताकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की आंख में धूल झोंक रहा था। आरोपी का पर्सनल सेक्रेट्री प्रोटोकॉल पत्र जारी करता था, लिहाजा उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी डॉ. कृष्ण शेखर राणा उर्फ डॉ. केएस राणा, दिल्ली के अमर कॉलोनी थाना इलाके के 13, नेशनल पार्क रोड लाजपत नगर-4 का रहने वाला है। केएस राणा मूलरूप से आगरा का रहने वाला है। वह वर्ष 1982 से 2015 तक आगरा विश्विद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहा। उसका आगरा में कृष्णा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी तथा राजस्थान में एक रिसॉर्ट है। केएस राणा ने वर्ष 2015 में आगरा विवि से प्रोफेसर के पद से रिटायर होने के बाद वर्ष 2018 तक पर्यावरण मंत्रालय की अप्रेजल अथॉरिटी में बतौर सलाहकार काम किया। इसके बाद वर्ष 2018 से 2020 तक कुमाऊं विश्विद्यालय नैनीताल, वर्ष 2020 से 2021 तक अल्मोड़ा रेजिडेंशियल विवि उत्तराखंड, वर्ष 2021 से वर्ष 2022 तक मेवाड़ विश्विद्यालय राजस्थान तथा वर्ष 2022 से वर्ष 2024 तक जयपुर टेक्निकल विश्विद्यालय राजस्थान में कुलपति के रूप में कार्यरत रहा।

पिछले साल इंडिया जीसीसी ट्रेड काउंसिल एनजीओ से जुड़ा

डीसीपी ट्रांस हिंडन ने बताया कि डॉ. केएस राणा वर्ष 2024 में इंडिया जीसीसी ट्रेड काउंसिल नाम की एनजीओ से जुड़ा था। इस एनजीओ का कार्य भारत का गल्फ देशों में व्यापार बढ़ाना है। इस एनजीओं में केएस राणा को ट्रेड कमिश्नर का पद दिया गया, लेकिन वह खुद को अंतरराष्ट्रीय संगठन जीसीसी (गल्फ कंट्रीज काउंसिल) से बताता था और वीआईपी प्रोटोकॉल लेने के लिए खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर (उच्चायुक्त) बताकर अपने पर्सनल सेक्रेट्री देव कुमार से वीआईपी प्रोटोकॉल का पत्र जारी कराता था।

मर्सिडीज पर लगाया था लीबिया के राजदूत की गाड़ी का नंबर

डीसीपी ट्रांस हिंडन ने बताया कि केएस राणा अफसरों की आंखों में धूल झोंकने के लिए हरियाणा में रजिस्टर्ड अपनी मर्सिडीज कार पर राजदूत के लिए जारी होने वाली सीरीज की नंबर प्लेट लगाता था। मर्सिडीज पर लगा नंबर लीबिया के राजदूत की गाड़ी का नंबर निकला है। इसके अलावा वह गाड़ी पर फ्लैशर लाइट लगाकर चलता था, जबकि राजदूत या उच्चायुक्त की गाड़ी पर लाइट नहीं लगी होती। डीसीपी ने बताया कि केएस राणा मथुरा, फरीदाबाद तथा दिल्ली में वीआईपी प्रोटोकॉल ले चुका है। 12 मार्च को उसे कौशांबी थानाक्षेत्र के वैशाली में रहने वाली बेटी के घर आना था। उसने अपने निजी सचिव से गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर तथा जिलाधिकारी को प्रोटोकॉल पत्र जारी कराया था। पुलिस केएस राणा को रिसीव करने पहुंची तो गाड़ी पर लगी फ्लैशर लाइट और प्रोटोकॉल पत्र में राजदूत की जगह उच्चायुक्त लिखा होने पर शक गहराया। आरोपी से पूछताछ तथा ओमान दूतावास से संपर्क करने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।