ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर आरामदायक-सुरक्षित सफर की तैयारी तेज
गाजियाबाद में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की मरम्मत की तैयारी चल रही है। एनएचएआई ने आईआईटी बांबे और सीआरआरई से मदद ली है। सड़क पर गड्ढों की समस्या और निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।...

गाजियाबाद। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर आरामदायक और सुरक्षित सफर की तैयारी की जा रही है। इसके लिए एनएचएआई ने आईआईटी बांबे और सीआरआरई की मदद ली है। पलवल की तरफ ट्रायल पूरा हो गया है। टीम कार्य योजना बनाने के लिए सर्वे कर रही है। फिलहाल सड़क के गड्ढे भरे जा रहे हैं। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे 135 किलोमीटर लंबा है। यह सोनीपत से शुरू होकर बागपत, गाजियाबाद और दादरी होते हुए पलवल जा रहा है। एक्सप्रेसवे पर वाहनों की निर्धारित गति 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है। लेकिन 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार होते ही वाहन उछलने लगते हैं। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हैं। इस कारण वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। एक्सप्रेसवे के निर्माण की गुणवत्ता पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुरादनगर में कुछ माह पहले कार्यक्रम में एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे।उन्होंने निर्माण करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी थी। एक्सप्रेसवे के दो खंड में निर्माण करने वाली दो फर्म को डिबार कर उनसे 40 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। वहीं एनएचएआई ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर सुरक्षित और आरामदायक सफर की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए आईआईटी बांबे की टीम कार्य कर रही है। टीम एक्सप्रेसवे का निरीक्षण कर चुकी है। यही नहीं, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरई) भी सुझाव देगी। इसके बाद एक्सप्रेसवे की मरम्मत का कार्य शुरू होगा।
छह से सात माह में मरम्मत कार्य पूरा हो जाएगा
एनएचएआई सूत्रों ने बताया आईआईटी बांबे और सीआरआरई की रिपोर्ट के बाद मरम्मत कार्य में खर्च होने वाली रकम का पता चल सकेगा। मरम्मत कार्य जल्दी शुरू होना है।इसकी सभी प्रक्रिया जल्दी पूरी होनी है। यह काम छह से सात माह में पूरा होगा। फिलहाल पलवल की तरफ ट्रायल हो गया है। ट्रायल के दौरान जहां सड़क खराब थी उसे ठीक किया गया है। एक्सप्रसेवे की मरम्मत के बाद बड़ी संख्या में वाहन चालकों को राहत मिलेगी।
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