ईएसआईसी अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग शुरू
फरीदाबाद के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की शुरुआत की गई है। अब मरीजों को दुर्घटना, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक जैसे मामलों में त्वरित और विशेषज्ञ उपचार मिलेगा। यह विभाग 24/7 खुला...
फरीदाबाद (धनंजय चौहान)। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए राहत की खबर है। कैजवल्टी विभाग के स्थान पर अस्पताल में अब इमरजेंसी मेडिसिन विभाग शुरू किया गया है। इससे काफी राहत मिलेगी। अस्पताल में दो वरिष्ठ डॉक्टर प्रो.प्रवीण अग्रवाल और डॉ.विद्या भूषण की नियुक्ति कर दी गई है, जिससे अब दुर्घटना, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, सांस रुकने, जलने, गंभीर चोटों और विषाक्त पदार्थ के सेवन जैसी गंभीर आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को त्वरित और विशेषज्ञ उपचार मिल सकेगा। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पहले इमरजेंसी विभाग के तौर कैजवल्टी विभाग चल रहा था।
यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार तो मिलता था, लेकिन वे डॉक्टरों विशेषज्ञों के तौर पर नहीं थे। हार्ट अटैक, ब्रेन स्टॉक आदि के मामलों में विशेषज्ञ डॉक्टरों को रात के समय विशेष रूप से फोन कर इलाज के लिए बुलाया जाता था। वहीं पिछले दिनों हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान मेडिकल इमरजेंसी के अनुभवों के आधार पर इस विभाग को खोलने की योजना बनाई गई। लंबे समय की योजना और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के बाद अब जाकर इसे लागू किया गया है। यह विभाग न केवल फरीदाबाद बल्कि एनसीआर क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित होगा। इस नव आरंभित विभाग की जिम्मेदारी दो वरिष्ठ डॉक्टरों ने संभाली है। इनके साथ प्रशिक्षित स्टाफ की भी नियुक्ति की गई है, जो हाई रिस्क मरीजों की देखभाल में दक्ष हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार यह विभाग सप्ताह के सातों दिन, चौबीसों घंटे खुला रहेगा ताकि किसी भी समय आने वाली मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को बिना देरी इलाज मिल सके। नवनियुक्त डॉ. विद्या भूषण के मुताबिक इमरजेंसी मेडिसिन एक अत्यधिक संवेदनशील और तेज निर्णय लेने वाला क्षेत्र होता है, जहां हर पल कीमती होता है। ऐसे में अनुभवी डॉक्टरों की मौजूदगी और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह विभाग मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा। इस विभाग में ऑक्सीजन सपोर्ट, कार्डिएक मॉनिटरिंग, डिफाइब्रिलेटर, वेंटिलेटर और अन्य अत्याधुनिक आपातकालीन उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की शुरुआत से क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी और गंभीर मामलों में जान बचाने की संभावनाएं कहीं अधिक बढ़ जाएंगी। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाएगी बल्कि मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी एक नई दिशा देगा। ट्राइएज सिस्टम: मरीजों की गंभीरता के आधार पर प्राथमिकता तय की जाती है, गंभीर मरीज को सबसे पहले इलाज मिलेगा। उन्हें आईसीयू या संबंधित विभाग में रेफर किया जाएगा। गंभीर मरीजों की जान बच सकेगी इससे मरीजों को तत्काल इलाज की सुविधा मिलेगी। दुर्घटना, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, सांस रुकना, गंभीर चोट, जलना, जहर खाने जैसी आपातकालीन स्थितियों में यह विभाग सबसे पहले सक्रिय होता है। मरीज को इलाज के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता, तुरंत मेडिकल सहायता मिलती है। यह विभाग सप्ताह के 7 दिन और दिन-रात 24 घंटे खुला रहता है। कभी भी किसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में यहां पहुंचकर इलाज शुरू करवाया जा सकता है। यहां इमरजेंसी मेडिसिन में प्रशिक्षित डॉक्टर और नर्सें तैनात रहते हैं, जो हाई रिस्क मरीजों को संभालने में दक्ष होते हैं। वेंटिलेटर समेत कई आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे यहां वेंटिलेटर, डिफाइब्रिलेटर, मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑक्सीजन सपोर्ट जैसी एडवांस मेडिकल टेक्नोलॉजी मौजूद होती है। इससे मरीज की स्थिति को तुरंत स्थिर किया जा सकता है। रैपिड डायग्नोस्टिक और टेस्टिंग से खून की जांच, एक्स-रे, सीटी स्कैन, ईसीजी जैसी जांचें तुरंत की जाती हैं, ताकि बीमारी की सही पहचान हो और इलाज तुरंत शुरू किया जा सके।
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