नया रेलवे ट्रैक शुरू होने से गुरुग्राम में उद्योगों को मिलेगी रफ्तार, रोजगार के नए अवसर होंगे पैदा
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के 11.05 किलोमीटर लंबे खंड (ट्रैक) का शुभारंभ मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और सीएम नायब सिंह सैनी संयुक्त रूप से करेंगे। यह खंड मारुति प्लांट को सीधे पातली रेलवे स्टेशन से जोड़ेगा। इसके शुरू होने से उद्योगों को और रफ्तार मिलने की उम्मीद है।

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के 11.05 किलोमीटर लंबे खंड (ट्रैक) का शुभारंभ मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी संयुक्त रूप से करेंगे। यह खंड मारुति प्लांट को सीधे पातली रेलवे स्टेशन से जोड़ेगा। इसके शुरू होने से उद्योगों को और रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (एचओआरसी) हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचआरआरडीसी) द्वारा विकसित की जा रही एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। 121.7 किलोमीटर लंबा प्रस्तावित कॉरिडोर पलवल से सोनीपत तक है। इससे गुरुग्राम, मानेसर, फर्रुखनगर और खरखौदा जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र जुड़ेंगे। इस पूरे कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के रास्ते होने वाले रेल यातायात के दबाव को कम करना है। इसके अलावा हरियाणा के औद्योगिक केंद्रों को सीधे रेल कनेक्टिविटी प्रदान करना है। मारुति प्लांट से पातली रेलवे स्टेशन तक का 11.5 किलोमीटर का खंड इस विशाल परियोजना का पहला तैयार होने वाला हिस्सा है।
मारुति के लिए वरदान साबित होगा यह खंड
नए रेल खंड का सबसे बड़ा लाभ मानेसर स्थित मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को होगा। मारुति प्लांट में तैयार होने वाली हजारों गाड़ियां अब सीधे पातली रेलवे स्टेशन के लिए बनाए गए विशेष यार्ड में लोड की जा सकेंगी। इस यार्ड में एक साथ 30 बोगी वाली मालगाड़ियां खड़ी हो सकेंगी, जिनमें 100 से 125 कार लोड की क्षमता होगी। वर्तमान में मारुति को अपनी तैयार गाड़ियों को भेजने के लिए सड़क परिवहन पर अत्यधिक निर्भर रहना पड़ता है, जिसमें समय, लागत और श्रम तीनों अधिक लगते हैं।
पर्यावरण और यातायात पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
कॉरिडोर केवल औद्योगिक लाभ ही नहीं देगा, बल्कि पर्यावरण और सड़क यातायात पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मानेसर से पातली तक सड़क पर प्रतिदिन सैकड़ों मालवाहक गाड़ियों के आवागमन से भारी दबाव रहता है। इससे न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या होती है बल्कि वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है। रेल के माध्यम से माल ढुलाई बढ़ने से सड़क पर गाड़ियों का दबाव कम होगा। प्रदूषण का स्तर भी नियंत्रित होगा और राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुगम बनेगा। यह एक सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे
परियोजना का महत्व केवल मारुति तक ही सीमित नहीं है। यह मानेसर और उसके आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से अन्य उद्योगों को भी अपने उत्पादों को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने में सुविधा होगी। इससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। व्यापार में वृद्धि होगी। यह क्षेत्र में नए निवेश को आकर्षित करेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।