ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो का काम अटका, प्रोजेक्ट में कैसे बना अड़चन नमो भारत ट्रेन रूट
ग्रेटर नोएडा डिपो से बोडाकी तक मेट्रो रूट को केंद्रीय मंत्रालय ने मौखिक सहमति दे दी है। अब जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। वहीं, सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-पांच के मेट्रो रूट का काम अटक गया है। इसकी वजह नमो भारत ट्रेन का रूट अब तक फाइनल नहीं होना है।

ग्रेटर नोएडा डिपो से बोडाकी तक मेट्रो रूट को केंद्रीय मंत्रालय ने मौखिक सहमति दे दी है। अब जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। वहीं, सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-पांच के मेट्रो रूट का काम अटक गया है। इसकी वजह नमो भारत ट्रेन का रूट अब तक फाइनल नहीं होना है।
सेक्टर-61 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क-पांच तक के रूट को वर्ष 2019 के नवंबर महीने में यूपी कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। नॉलेज पार्क-पांच तक जाने वाली मेट्रो का रूट सेक्टर-51 से सीधे सेक्टर-72 बाबा बालकनाथ मंदिर होते हुए पर्थला गोलचक्कर की तरफ बनाया गया। इसके बाद केंद्र सरकार के पास मामला जाने से अटक गया।
सेक्टर-51 पर एक्वा और ब्लू लाइन के बीच सही जुड़ाव न होने की वजह से केंद्र सरकार ने इस रूट को खारिज कर दिया। करीब तीन साल पहले नए रूट पर काम शुरू हुआ। इस बार सेक्टर-51 से सेक्टर-61, 71, 121 होते हुए पर्थला गोलचक्कर की तरफ रूट बनाया गया। इस रूट की डीपीआर को मंजूर कर यूपी सरकार ने केंद्र के पास करीब छह महीने पहले भेज दिया था।
एनएमआरसी के अधिकारियों की मानें तो इस रूट पर केंद्र सरकार अभी तत्परता दिखाने से बच रही है। इसकी वजह नमो भारत ट्रेन का रूट फाइनल नहीं होना है। गाजियाबाद तक चल रही नमो भारत को ग्रेटर नोएडा वेस्ट से होकर जेवर एयरपोर्ट तक ले जाने की तैयारी चल रही है।
ग्रेटर नोएडा में सेक्टर-2 तक चलने की संभावना
अधिकारियों का कहना है कि अगर नमो भारत ट्रेन ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए जेवर तक चलती है तो ऐसी स्थिति में नोएडा के सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-2 तक ही मेट्रो चलने की संभावना है। इस रूट की पूरी प्लानिंग नए तरीके से की जाएगी। नए सिरे से डीपीआर मंजूर करानी होगी। ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो चलाने की मांग पिछले कई वर्षों से की जा रही है। इस परियोजना को लेकर कई बार बदलाव भी हो चुका है।
तीन लाख की आबादी को राहत मिलेगी
अनुमान के तौर पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इस समय करीब तीन लाख लोग रह रहे हैं। आगामी पांच साल में और आबादी बढ़ने का अनुमान है। किसान चौक से एक मूर्ति के आगे तक पूरे दिन जाम की स्थिति रहती है। लोग अधिक रुपये खर्च करके कैब और ऑटो से आते-जाते हैं। लोगों का कहना है कि इस रूट पर मेट्रो की अधिक जरूरत है।
लोग क्या बोले
- सेक्टर-दो में रहने वाले राजीव कुमार का कहना है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 130 मीटर रोड पर मेट्रो चलाए जाने की अधिक जरूरत है। नोएडा मेट्रो तक आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सोसाइटी में रहने वाले हरीश खुराना का कहना है कि घर से नोएडा के सेक्टर-51 तक मेट्रो तक आने-जाने में रोजाना 150 से 200 रुपये खर्च हो जाते हैं।