100 की स्पीड से दौड़ती बाइक से पुलिस पर गोली बरसा रहा था शूटर नवीन, एनकाउंटर में हुआ ढेर
दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में पिछले साल सरेआम बर्तन कारोबारी सुनील जैन की हत्या में शामिल लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर नवीन कसाना को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपी एसटीएफ ने बुधवार को ढेर कर दिया। मौत से पहले वह सौ किलोमीटर की रफ्तार पर दौड़ रही बाइक से पुलिस पर गोलियां बरसा रहा था।

दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में पिछले साल सरेआम बर्तन कारोबारी सुनील जैन की हत्या में शामिल लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर नवीन कसाना को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपी एसटीएफ ने बुधवार को ढेर कर दिया। मौत से पहले वह सौ किलोमीटर की रफ्तार पर दौड़ रही बाइक से पुलिस पर गोली चला रहा था।
हापुड़ में यूपी एसटीएफ-दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ बुधवार रात को हुई मुठभेड़ में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर के शरीर में पुलिस की तीन गोली आर-पार हो गई थीं, जबकि उसने पुलिसकर्मियों पर 32 बोर की पिस्टल से चार फायर दागे थे। इसमें दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। तीन राज्यों की पुलिस उसका 20 दिन से पीछा कर रही थी। गुरुवार को पोस्टमॉर्टम के बाद नवीन के परिजन उसका शव अपने साथ ले गए।
पुलिस के लिए बने थे चुनौती : कारोबारी सुनील जैन की हत्या के बाद दिल्ली पुलिस की खासा किरकिरी हुई थी। दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठे, बल्कि पिछले छह महीने से शूटर पुलिस को गच्चा देकर फरार चल रहे थे। बर्तन कारोबारी हत्याकांड में स्पेशल सेल की टीम ने जब शूटरों से पहले दिल्ली पुलिस के ही एक सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया तो हर कोई हैरान रह गया।
पकड़े गए पुलिसकर्मी पर आरोप है कि वह इन शूटर्स की मदद कर रहा था,जिसकी वजह से वह हर बार पुलिस के पहुंचने तक अपने ठिकाने से भाग निकलते थे।
चार साल से फरार था : पुलिस सूत्रों की मानें तो लॉरेंस गिरोह का खास नवीन कसाना पिछले चार साल से फरार चल रहा था। उस पर मकोका समेत, हत्या, हत्या की कोशिश, डकैती, लूट, रंगदारी, आर्म्स एक्ट समेत 20 से अधिक मुकदमें दर्ज थे।
गलत पहचान में की थी कारोबारी की हत्या
दिल्ली के फर्श बाजार इलाके में सरेआम बर्तन कारोबारी सुनील जैन की हत्या में शामिल लॉरेंस गैंग के शूटर नवीन कसाना 7 दिसंबर 2024 की सुबह सैर से लौट रहे बर्तन कारोबारी 52 वर्षीय सुनील जैन की गलत पहचान के बाद गोलियों से भूनकर हत्या में शामिल था। उसने अपने सहयोगी सचिन उर्फ गोलू के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। दरअसल, दोनों शूटर दीवाली के दिन बिहारी कॉलोनी में हुए चाचा-भतीजे के मर्डर में आरोपी नाबालिग लड़के के पिता संजय (बदला हुआ नाम) को मारने आए थे। उन्होंने एक जैसी कद काठी होने की वजह से सुनील जैन को संजय समझ लिया और उनकी गोलियों भूनकर हत्या कर दी। तभी से दोनों आरोपी लगातार फरार चल रहे थे।