कोटा में NEET की तैयारी कर रहे दिल्ली के छात्र ने दी जान, पिता ने बताया किस बात को लेकर था परेशान
मृतक छात्र का नाम रोशन शर्मा (23) है, जिसके पिता रणजीत शर्मा हैं, जो कि दिल्ली में बढ़ई का काम करते हैं और हाल ही में बेटे का शव लेने कोटा पहुंचे थे।

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) की तैयारी के लिए कोटा गए दिल्ली के छात्र ने हाल ही में कोटा में आत्महत्या कर ली थी। वह दिल्ली के तुगलकाबाद का रहने वाला था और इस साल होने वाली परीक्षा में नहीं बैठना चाहता था। उसने अपने परिजनों से कहा था कि वह तैयारी के लिए एक साल और चाहता है, जिसके लिए उसका परिवार राजी भी हो गया था। हालांकि फिर भी उसने खुदकुशी जैसा कदम क्यों उठा लिया, यह बात उसके माता-पिता को समझ नहीं आ रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि मृतक के कमरे से बरामद कथित ‘सुसाइड नोट’ में उसने कहा है कि उसके इस कदम के पीछे न तो उसका परिवार और न ही नीट-यूजी की तैयारी कारण है।
मृतक छात्र का नाम रोशन शर्मा (23) है, जिसके पिता रणजीत शर्मा हैं, जो कि दिल्ली में बढ़ई का काम करते हैं और हाल ही में बेटे का शव लेने कोटा पहुंचे थे। शर्मा कुछ दिन पहले ही अपनी पत्नी के साथ बेटे को कुछ दिन के लिए घर ले जाने यहां आए थे लेकिन तब उसने उनके साथ जाने से मना कर दिया था। यहां तक कि माता-पिता उसका सामान भी साथ ले गए थे, लेकिन तब भी वह उनके साथ नहीं गया।
माता-पिता के अनुसार उनके बेटे रोशन ने कुछ हफ्ते पहले ही अचानक उनसे कहा था कि वह इस साल चार मई को होने वाली नीट-यूजी की परीक्षा नहीं देगा। उनके दिल्ली लौटने के तीन दिन बाद गुरुवार को उन्हें खबर मिली कि उनके बेटे का शव यहां रेल लाइन के पास झाड़ियों से बरामद हुआ है। शव के पास मिले मोबाइल से उसकी पहचान हो सकी।
यहां एक अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर बेटे को याद करके शर्मा बेकाबू होकर रोने लगते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा पिछले तीन साल से नीट की तैयारी कर रहा था और हाल ही में उसने अपनी बहन से कहा था कि वह इस परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है, और इसके लिए उसे एक और साल की जरूरत है। रोशन के पिता ने कहा, ‘हमारा बेटा पढ़ाई में बहुत अच्छा था, कोचिंग संस्थान में होने वाले नियमित टेस्ट्स में 550 से 600 अंक लाता था। ऐसे में परीक्षा से कुछ दिन पहले आत्महत्या करने का कारण समझ में नहीं आ रहा।' बता दें कि नीट-यूजी परीक्षा के लिए आदर्श स्कोर 720 है।
रोशन के माता-पिता ने बताया कि कोटा में पढ़ने के लिए हमने अपने बेटे पर दबाव नहीं बनाया था, बल्कि उसने खुद कोटा में एक कोचिंग संस्थान में दाखिला लेने का फैसला किया था और एक साल बाद ही शहर के दूसरे संस्थान में चला गया।
रणजीत शर्मा ने बताया, ‘हम अपने बेटे को वापस घर ले जाने के लिए 22 अप्रैल को कोटा आए थे, लेकिन उसने मना कर दिया। जब बेटा अपने हॉस्टल में नहीं मिला तो हमने उससे फोन पर संपर्क किया, जिसके बाद उसने हमें बताया कि वह इस साल न तो नीट परीक्षा देगा और न ही घर लौटेगा। इसके बाद भी हम उसका सामान लेकर घर लौट आए इस उम्मीद में कि वह हमारे पीछे आएगा।’
जब ऐसा नहीं हुआ तो परेशान माता-पिता अपने बेटे को फोन करते रहे और उसे घर लौटने के लिए कहते रहे। रोशन ने अपनी बहन से फोन पर यह भी कहा था कि वह नीट की तैयारी के लिए एक साल और चाहता है।
इस बारे में जानकारी देते हुए कुन्हाड़ी थाने के प्रभारी अरविंद भारद्वाज ने बताया कि पुलिस ने शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद रोशन का शव परिवार को सौंप दिया और जांच के लिए बीएनएस की धारा 194 (ए) (आत्महत्या पर जांच) के तहत मामला दर्ज किया। उन्होंने बताया कि माता-पिता ने कोई आरोप नहीं लगाया है।
कोटा में 48 घंटे में किसी छात्र द्वारा कथित आत्महत्या का यह दूसरा मामला है। इससे पहले बिहार के छपरा के निवासी 18 साल के एक लड़के ने मंगलवार तड़के अपने छात्रावास के कमरे में फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। वहीं इस साल जनवरी से लेकर अब तक कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या का यह 12वां मामला है। पिछले साल शहर में 17 छात्रों के खुदकुशी करने के मामले दर्ज किए गए थे।