भारत में मरना मंजूर है, लेकिन पाकिस्तान जैसे नर्क में जाना नहीं; पाकिस्तान आए लोगों को किस बात का डर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने एक कायराना हमले को अंजाम दिया था जिसमें 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने लोगों ने धर्म पूछकर उनको निशाना बनाया और कई लोगों को कलमा पढ़ने के लिए भी कहा।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान से भारत आए लोगों को वापसी का आदेश दिया है। इस आदेश से सबसे ज्यादा सहमे हुए वह लोग हैं जो पाकिस्तान छोड़ भारत में आकर बस गए हैं। ये सभी पाकिस्तानी अल्पसंख्यक हिन्दू हैं जो वहां के खराब हालातों से परेशान हो कर भारत आए थे। अब सरकार के आदेश के यह सभी लोग सहमे हुए है। ये पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहते।
दरअसर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने एक कायराना हमले को अंजाम दिया था जिसमें 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने लोगों ने धर्म पूछकर उनको निशाना बनाया और कई लोगों को कलमा पढ़ने के लिए भी कहा। इस भयावह हमले की चपेट में आए लोगों की चीख अभी कानों में गूंज रही है। पूरा देश आतंकियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन की मांग कर रहा है। इसी दौरान सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान से आए लोगों का विजा कैंसिल कर दिया और अब रविवार को पाकिस्तान वापस जाना होगा।
इस फैसले के बाद अब पाकिस्तान से आए हिन्दुओं को अपनी जान का डर सता रहा है। उन्हें लग रहा है कि उनका वापस जाना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के जैसलमेर में एक शरणार्थी कॉलोनी में पाकिस्तान से आए एक हजार से ज्यादा शरणार्थी हिन्दू रहते हैं जो शॉर्ट टर्म वीज़ा पर भारत आए हैं।
ये सभी लोग वाघा-अटारी बॉर्डर से भारत में दाखिल हुए थे। इन्हीं में से एक शख्स ने बताया कि वह पाकिस्तान के सिंध में रहते थे और वहां उत्पीड़न के चलते भारत आ गए थे। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच अब वापसी का ख्याल उन्हें परेशान कर रहा है। उन्होंने कहा, उन्हें भारत में मरना मंजूर है लेकिन पाकिस्तान जैसे नर्क में जाना नहीं।