युद्ध और शांति में फासला बहुत कम: नौसेना प्रमुख
- तकनीक से युद्ध को मिल रही नई दिशा - सीआईआई कार्यक्रम को किया

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा है कि कहा है कि युद्ध और शांति के बीच फासला बहुत कम हो गया है। दिल्ली में गुरुवार को भारतीय उद्योग संघ (सीआईआई) के बिजनेस समिट-2025 को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही। नौसेना प्रमुख ने कहा कि अब युद्ध में कोई संघर्ष विराम नहीं है। युद्ध का तरीका बदल गया है। भविष्य का युद्ध तकनीक के जरिए लड़ा जाएगा। तकनीक युद्ध के तौर तरीके को नई दिशा दे रहा। सटीक हमले करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे। ऐसे में हमें बड़ी मात्रा में ऐसे हथियारों की जरूरत है जिससे सटीक हमले किए जा सकें।
युद्ध में करीब से हमलों की बजाए हवा और साइबर हमले का जोर बढ़ेगा। आतंकवाद जैसी चीजों से विवाद बढ़ेगा। ऐसे में हमें हर हालात से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। जलीय सुरक्षा चक्र मजबूत नौसेना प्रमुख ने कहा कि सागर सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से जलीय सुरक्षा चक्र मजबूत हुआ है। अब ‘महासागर योजना के तहत भारतीय महासागर से लेकर पूरे भारत प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा कड़ी करने पर जोर दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि भारत जलीय सुरक्षा के क्षेत्र में निरंतर तेजी से काम कर रहा है। इसी को देखते हुए नौसेना निरंतर युद्ध अभ्यास कर रही है। शोध बजट 10 फीसदी बढ़ेगा रक्षा अनुसंधान एंव विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत ने कहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वादा किया है कि शोध एंव विकास के बजट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी करेंगे। सीआईआई के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, हम अभी रक्षा बजट का पांच फीसदी शोध और विकास पर खर्च करते हैं। रक्षा मंत्री ने वादा किया है कि अगले पांच साल में 10 फीसदी बढ़ोतरी होगी।
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